बीजिंग: चीन (China) अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. उसने शुक्रवार को भारत (India) के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में 15 और स्थानों के नामकरण को सही ठहराते हुए दावा किया कि तिब्बत का दक्षिणी भाग प्राचीन काल से चीन का क्षेत्र रहा है. दरअसल, भारत ने गुरुवार को चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदले जाने को खारिज कर दिया था. नई दिल्ली ने दो-टूक शब्दों में कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है और हमेशा रहेगा. नाम बदल देने से तथ्य नहीं बदल जाएंगे.


अरुणाचल को इस नाम से बुलाता है China


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भारत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Chinese Spokesperson Zhao Lijian) ने कहा, 'जंगनान (चीन के तिब्बत का दक्षिणी हिस्सा) चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित है और यह प्राचीन काल से चीन का क्षेत्र रहा है’. गौरतलब है कि चीन अरुणाचल प्रदेश को जांगनान कहता है. इससे पहले, लिजियान ने कहा था कि तिब्बत का दक्षिणी भाग चीन के तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र से संबंधित है और यह चीन का अंतर्निहित हिस्सा रहा है.


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पहले भी की थी नाम बदलने की कोशिश


लिजियान ने आगे कहा कि विभिन्न जातीय समूहों के लोग उस क्षेत्र में कई वर्षों से रह रहे हैं और उन्होंने उस क्षेत्र के लिए कई नाम दिए हैं. चीनी प्रवक्ता ने कहा, ‘क्षेत्र के मानकीकृत प्रबंधन के लिए चीन में सक्षम अधिकारियों ने प्रासंगिक नियमों के अनुसार संबंधित क्षेत्र के लिए नाम प्रकाशित किए हैं. ये ऐसे मामले हैं जो चीन की संप्रभुता के अधीन हैं’. बता दें कि चीन ने दूसरी बार अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों को चीनी नाम देने का प्रयास किया है. इससे पहले 2017 में छह स्थानों के नामकरण की कोशिश की गई थी. चीन भारतीय नेताओं और अधिकारियों के अरुणाचल प्रदेश के दौरे का विरोध करता रहता है.


‘नाम गढ़ने से तथ्य नहीं बदलेगा’


इससे पहले, चीन के दावे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने इस तरह की रिपोर्ट देखी है. ऐसा पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने का प्रयास किया है. उसने अप्रैल 2017 में भी इस तरह से नाम बदलने की कोशिश की थी. प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘अरुणाचल प्रदेश सदैव भारत का अभिन्न अंग था और हमेशा रहेगा. अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम गढ़ने से यह तथ्य नहीं बदलेगा’.


इनपुट: पीटीआई