US-China Ties: पीएम मोदी के US दौरे से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री से मिले जिनपिंग, दिया ये बड़ा बयान
America-China War: शी ने आगे कहा, चीन अमेरिकी हितों का सम्मान करता है और अमेरिका को चुनौती नहीं देगा और कभी अमेरिका की जगह भी नहीं लेगा. इसके साथ अमेरिका को चीन का सम्मान करना और चीन के हितों पर नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.
China-US Dispute: पीएम नरेंद्र मोदी 20 जून को न्यूयॉर्क पहुंच जाएंगे. अपने अमेरिकी दौरे पर वह न सिर्फ राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करेंगे बल्कि भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुखातिब होंगे. लेकिन इस वक्त अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन चीन के दौरे पर हैं. उन्होंने सोमवार दोपहर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बीजिंग में मुलाकात की. इस दौरान शी ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया को स्थिर चीन अमेरिका संबंधों की जरूरत है. यह मानव भविष्य से जुड़ा है कि क्या चीन और अमेरिका सही ढंग से सह अस्तित्व करेंगे या नहीं.
शी ने आगे कहा, इस बड़ी धरती पर चीन और अमेरिका का अपना-अपना विकास और समान समृद्धि की जा सकती है. चीन और अमेरिका की अपनी अपनी सफलताएं एक दूसरे के लिए खतरा नहीं, बल्कि अवसर हैं. दोनों देशों को इतिहास, जनता व विश्व के लिए जिम्मेदार रुख अपनाकर चीन-अमेरिका संबंधों का अच्छा उदाहरण पेश कर वैश्विक शांति व विकास के लिए योगदान देना चाहिए.
'नहीं लेंगे अमेरिका की जगह'
शी ने आगे कहा, चीन अमेरिकी हितों का सम्मान करता है और अमेरिका को चुनौती नहीं देगा और कभी अमेरिका की जगह भी नहीं लेगा. इसके साथ अमेरिका को चीन का सम्मान करना और चीन के हितों पर नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.
चीनी राष्ट्रपति ने कहा, 'उम्मीद है कि अमेरिका चीन के साथ आगे बढ़कर राष्ट्रपति बाइडेन और मेरे बीच बाली द्वीप में संपन्न समानताओं पर कायम रहते हुए संबंधित वादों को लागू करेगा, ताकि चीन अमेरिका संबंध स्थिर हो सकें.'
'सहअस्तित्व का रास्ता निकालना चाहिए'
वहीं ब्लिंकन ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी के पोलित ब्यूरो के सदस्य वांग यी से भी मुलाकात की. वांग यी ने कहा,'हमें जनता, इतिहास और दुनिया के प्रति जिम्मेदार रुख अपनाकर चीन-अमेरिका संबंधों की गिरावट मोड़कर उसे फिर स्वस्थ व स्थिर रास्ते पर लौटाना और एक साथ नए काल में चीन और अमेरिका के सही सहअस्तित्व का रास्ता निकालना चाहिए.'
वांग यी ने कहा कि चीन अमेरिका संबंध का निचले स्तर पर जाने का मूल कारण चीन के प्रति अमेरिका की गलत पहचान है, जिससे चीन के प्रति गलत नीति अपनाई गई. अमेरिका को गहरा आत्ममंथन करने की जरूरत है. अमेरिका को चीन के साथ मतभेद नियंत्रित कर रणनीतिक आकस्मिकता से बचना चाहिए.