Pakistani Ahmadiya Muslims: पाकिस्तान के नेता भले ही इस्लामिक बिरादराना की बातें करते हों लेकिन उसकी बातें खोखलेपन से ज्यादा कुछ नहीं है. वहां पर केवल कट्टरपंथी सुन्नी मुसलमानों का बोलबाला है और शिया, अहमदिया और कादियानी मुसलमानों की भी कोई औकात नहीं समझी जाती है. अपने समुदाय पर बढ़ते कट्टरपंथियों के हमले ने अहमदिया समुदाय में डर बढ़ा दिया है. अब अहमदिया समुदाय ने इस मुद्दे को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाकर सुरक्षा की मांग की है.


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अहमदियों की मस्जिदों पर हमले की प्लानिंग


पाकिस्तानी न्यूजपेपर डॉन के मुताबिक, अहमदिया समुदाय (Pakistani Ahmadiya Muslims) के एक प्रतिनिधि ने दावा किया है कि मजहबी कट्टरपंथी ननकाना साहिब जिले की सांगला हिल तहसील में  दो स्थानों पर अहमदियों के पूजा स्थलों पर हमला करने की प्लानिंग कर रहे हैं. यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक हिस्सा है. 


अहमदियों को दबा रही पाकिस्तानी पुलिस


डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अहमदिया समुदाय (Pakistani Ahmadiya Muslims) के प्रवक्ता आमेर महमूद ने बयान जारी कर कहा कि जिले की पुलिस अहमदियों की रक्षा करने के बजाय उनकी मस्जिदों से मीनारों को छिपाने या हटाने के लिए मजबूर कर रही है. उन्होंने अपील की कि पुलिस अहमदियों पर दबाव बनाने के बजाय उनकी सुरक्षा पर अपना ध्यान केंद्रित करे. 


पाकिस्तान में अहमदियों का उत्पीड़न


बताते चलें कि गौरतलब है कि पाकिस्तान में अहमदी समुदाय (Pakistani Ahmadiya Muslims) दूसरे दर्जे के नागरिक की तरह रहता है. वहां के कट्टरपंथी सुन्नी मुसलमान उन्हें गैर-मुस्लिम मानते हैं. उनमें अहमदियों के खिलाफ हद दर्जे तक नफरत की भावना है. हिंदू, सिख और ईसाइयों की तरह वह पाकिस्तान के सबसे अधिक पीड़ित अल्पसंख्यक समुदायों में से एक है.


सरकारें नहीं लेती कट्टरपंथियों पर एक्शन


पाकिस्तान में सक्रिय कई मानवाधिकार समूहों (Pakistani Ahmadiya Muslims) ने देश में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के निरंतर पलायन पर बार-बार चिंता और आक्रोश व्यक्त किया है. मानवाधिकार समूहों का कहना है कि नागरिक समाज की ओर से बार-बार याद दिलाने के बावजूद सरकारें इन समुदायों की सुरक्षा चिंताओं को दूर करने में लगातार विफल रही हैं.


(एजेंसी ANI)