वॉशिंगटन: विदाई से पहले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने चीन को एक और झटका दिया है. अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय ने चीन की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन (SMIC) सहित 59 वैज्ञानिक एवं औद्योगिक उत्पादन इकाइयों पर पाबंदी लगाने की घोषणा की है. अमेरिका ने इन कंपनियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए विदेश नीति के विपरीत करार दिया है. इससे पहले भी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन चीन के खिलाफ कई बड़े कदम उठा चुका है.


इसलिए जरूरी थी SMIC पर कार्रवाई


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वाणिज्य विभाग में उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (BIS) की तरफ से जारी बयान में कहा गया है की SMIC सहित 59 कंपनियों को एक्सपोर्ट-कंट्रोल एंटिटी लिस्ट में इसलिए डाला गया है, क्योंकि उनके चीनी सेना से संबंध उजागर हुए हैं. वाणिज्य सचिव विल्बर रॉस ने कहा कि चीन ने अपने सैन्य आधुनिकीकरण के लिए अमेरिकी प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. हम हर उस कंपनी पर कार्रवाई करेंगे, जो किसी भी तरह से चीनी सेना से जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि ये सुनिश्चित करने के लिए कि SMIC अमेरिकी टेक्नोलॉजी से चीन (China) की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को मजबूत न करे, उसे इस लिस्ट में डालना जरूरी था.


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कई और कंपनियां हैं निशाने पर
इस घोषणा के बाद विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी खत्म करने के लिए भी कुछ कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वाणिज्य विभाग चीन के शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन से संबद्ध 25 शिपबिल्डिंग रिसर्च संस्थानों को भी एंटिटी लिस्ट में डालने वाला है. इसके अलावा, ऐसी छह अन्य संस्थाओं पर भी कार्रवाई की जाएगी, जो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को अनुसंधान, विकास और विनिर्माण सहायता प्रदान करती हैं.


मानवाधिकारों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं


पोम्पियो ने बताया कि मानवाधिकार के उल्लंघन को लेकर भी चीन की चार कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि चीन को वीगर मुस्लिम सहित सभी अल्पसंख्यकों का सम्मान करना चाहिए. अमेरिका मानवाधिकारों के संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है और उनका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि चीन में बड़े पैमाने पर वीगर मुसलमानों का शोषण किया जाता है. उन्हें कैदियों की तरह शिविरों में रखा गया है.  


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