Pakistan Electricity Problem: गैस की कमी बड़ी समस्या है जो हर साल सर्दियों में पाकिस्तान को जकड़ लेती है. लकड़ी और कोयले की बढ़ती कीमतें और इनकी कमी होना इस परेशानी का मुख्य कारण है. मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि पिछले साल की तुलना में, लकड़ी और कोयले की कीमतें दोगुनी हो गई हैं.


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कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सिंध, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा के कई शहरों में अब गैस उपलब्ध नहीं है. गैस लोड शेडिंग के परिणामस्वरूप, कराची, लाहौर, हैदराबाद, मुल्तान, पेशावर और रावलपिंडी के निवासी चिंतित हैं, इसके साथ ही एलपीजी और जलाऊ लकड़ी की मांग भी बढ़ी है.


लकड़ी और कोयले के दाम दोगुने होने के बावजूद घरेलू उपभोक्ताओं को उनकी ईंधन जरूरतों को पूरा करने के लिए एलपीजी आपूर्ति की योजना भी निष्प्रभावी है.


क्या है देश भार में गैस की आपूर्ति का हाल?
स्थानीय मीडिया के मुताबिक सिंध देश की करीब 62 फीसदी गैस का उत्पादन करता है और बदले में सिंध को सिर्फ 38 फीसदी गैस मिलती है. वहीं पंजाब में गैस का उत्पादन महज 3 फीसदी है लेकिन पंजाब को 52 फीसदी गैस मिलती है. खैबर पख्तूनख्वा में गैस उत्पादन 15 प्रतिशत है और इसकी खपत केवल 7 प्रतिशत है, बलूचिस्तान में गैस उत्पादन 12 प्रतिशत और खपत केवल 2 प्रतिशत है.


गरीबाबाद में लोग सड़कों पर उतरे
इस बीच, कलात के गरीबाबाद में भी नागरिक लंबे समय से बिजली और गैस की समस्या से जूझ रहे हैं; लोड शेडिंग, ट्रिपिंग, लो वोल्टेज और सुई गैस फील्ड की अनियमित आपूर्ति और वह भी बहुत कम समय के लिए.


पाक स्थानीय मीडिया, इंतेखाब डेली ने बताया कि नवंबर में लोगों ने अधिकारियों से शिकायत की लेकिन स्थिति नहीं बदली. इसलिए, निराश लोगों को विरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ा. वे सड़कों पर उतर आए और महिलाओं और बच्चों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया. कराची-क्वेटा पर यातायात बुरी तरह बाधित हो गया.


ग़रीबाबाद में पिछले महीने एक ट्रांसफॉर्मर जल गया था और तब से वे बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं क्योंकि अभी तक न तो ट्रांसफार्मर की मरम्मत की गई है और न ही इसे बदला गया है.


(इनपुट - ANI)


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