Pakistan News: पाकिस्तान ने ‘कच्चे तेल की गुणवत्ता’ के आधार पर दो कंसाइनमेंट के बाद रूसी तेल के आयात को निलंबित कर दिया है. पाकिस्तान सरकार ने अपने फैसले के लिए रूसी कच्चे तेल की गुणवत्ता को जिम्मेदार ठहराया है. द इकनोमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक पाकिस्तानी रिफाइनरियों ने रूसी तेल को प्रोसेस करने से इनकार कर दिया है, क्योंकि अरब कच्चे तेल की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक फर्नेस ऑयल के साथ इससे कम पेट्रोल का उत्पादन हो रहा है.


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11 और 26 जून को रूस से दो कच्चे तेल के जहाज कराची बंदरगाह पर पहुंचे थे, जिसके बाद कोई भी रूसी तेल जहाज पाकिस्तान नहीं पहुंचा. पहली खेप में 45,000 टन कच्चा तेल था. लगभग 56,000 टन कच्चे तेल के साथ दूसरे जहाज ने 26 जून को कराची बंदरगाह पर लंगर डाला था.


जुलाई में ही पाक योजना में आई बाधा
रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई में ही सरकार-से-सरकार (जी 2 जी) तंत्र के तहत रूसी कच्चे तेल के भविष्य के शिपमेंट को आयात करने की पाकिस्तान की योजना में बाधा आ गई. दरअसल  भुगतान और शिपमेंट को संभालने के लिए एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) स्थापित करने में इस्लामाबाद द्वारा की गई देरी से मॉस्को निराश था.  


रिपोर्ट के अनुसार बताया एक रूसी प्रतिनिधिमंडल ने अपने यूराल ग्रेड कच्चे तेल की गुणवत्ता और मूल्य निर्धारण पर चर्चा करने के लिए जुलाई में कराची का दौरा किया था, लेकिन एसपीवी बनाने में इस्लामाबाद द्वारा की गई प्रगति से वह संतुष्ट नहीं था.


रूसी तेल निर्यात पर नज़र रखने वाले व्यक्तियों के अनुसार, भारत के मामले के विपरीत रूस आयातित कच्चे तेल के लिए पाकिस्तान को कोई विशेष छूट नहीं दे रहा था.


रूस से भारत का आयात दोगुना
बता दें भारत रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है.पीटीआई-भाषा की एक खबर के मुताबिक वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है कि कच्चे तेल और उर्वरक का आयात बढ़ने से चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) में रूस से भारत का आयात दोगुना होकर 20.45 अरब डॉलर हो गया.  इसके साथ ही रूस वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में भारत का दूसरा सबसे बड़ा आयात स्रोत बन गया है. अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान रूस से आयात 10.42 अरब डॉलर रहा था.


रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के पहले भारत की तेल आयात श्रेणी में रूस की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम हुआ करती थी लेकिन अब यह बढ़कर 40 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है.


चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा बड़ा आयातक देश है. यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए तो भारत को उससे रियायती दर पर कच्चा तेल खरीदने का मौका मिला.