Britain Action on International Anti-Corruption Day and Human Rights Day: ब्रिटेन ने अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार रोधी दिवस व मानवाधिकार दिवस के मौके पर शुक्रवार को कई बड़े फैसले लिए. ब्रिटेन सरकार ने पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण कराने और हिंदू समेत धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों की जबरन शादी कराने के आरोपी मौलाना समेत मानवाधिकारों का हनन करने वाले कई भ्रष्ट अधिकारियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया. ऐसे कुल 30 व्यक्तियों, अधिकारियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है.


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इस तरह के लोगों को किया गया है प्रतिबंधित


ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली की ओर से शुक्रवार को जारी की गई प्रतिबंधित लोगों व संस्थाओं की नई सूची में पाकिस्तान में सिंध प्रांत के घोटकी में स्थित भरचुंडी शरीफ दरगाह के मियां अब्दुल हक का भी नाम है. इस लिस्ट में कैदियों को प्रताड़ित करने वाले, सैनिकों को महिलाओं का बलात्कार करने के लिए कहने वाले और व्यवस्थित अत्याचार में शामिल लोगों और संस्थाओं के नाम भी शामिल हैं.


लिस्ट जारी करते हुए ब्रिटेन ने क्या कहा


क्लेवरली ने कहा, ‘दुनिया भर में स्वतंत्र और मुक्त समाज को बढ़ावा देना हमारा फर्ज़ है. आज हमारी ओर से लगाए गए प्रतिबंध उन लोगों का पर्दाफाश करेंगे, जो हमारे बुनियादी अधिकारों का घोर हनन करने वालों के पीछे हैं. हम भय पर स्वतंत्रता के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए अपने पास मौजूद हर उपाय का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’ बता दें कि मौलाना हक राजनीतिक नेता है. वह सिंध में स्थानीय तौर पर प्रभावशाली है. उसकी प्रांत में ज्यादातर हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण कराने के लिए कई साल से आलोचना की जाती रही है. ब्रिटेन की प्रतिबंध लगाने वाली सूची में कहा गया है, ‘सिंध के घोटकी में भरचुंडी दरगाह के मौलाना मियां अब्दुल हक गैर मुस्लिम और नाबालिगों की जबरन शादी कराने और जबरन धर्मांतरण कराने के लिए जिम्मेदार है.’


प्रतिबंध के बाद अब इनका क्या होगा


अब इन प्रतिबंधित लोगों की सूची में शामिल शख्सों की ब्रिटेन में संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा और उनकी यात्रा पर भी रोक लगाई जाएगी. इसी के साथ ब्रिटेन का कोई नागरिक, कंपनी या संस्था उनके साथ किसी भी तरह का कारोबारी रिश्ता नहीं रख सकेगी और न ही उन्हें धन दे पाएगी. इन प्रतिबंधों में रूस, यूगांडा, म्यांमा और ईरान के लोग भी शामिल हैं.


इन पर भी की गई है कार्रवाई


यूक्रेन के अलेक्ज़ेंडर कोस्तेंको को 2015 में प्रताड़ित करने के लिए क्रीमिया में रूसी संघीय सुरक्षा सेवा के सदस्य एंड्रे तिशेनीन और क्रीमिया स्वायत्त गणराज्य के वरिष्ठ अधिकारी आरतुर शामबजोव पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. इसके अलावा रूस के न्यायाधीश और अभियोजक पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. ईरान की न्यायपालिका और कारागार व्यवस्था से जुड़े 10 अधिकारियों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं. म्यांमा के जुंटा (सैन्य शासक) पर बलात्कार और यौन हिंसा के आरोपों को लेकर प्रतिबंध लगाए गए हैं.


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