China Taiwan: चीन की सेना ने ताइवान के पास 38 लड़ाकू विमानों और अन्य युद्धक विमानों को उड़ाया. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार का यह जानकारी दी. स्व-शासित द्वीप के खिलाफ चीन के लंबे समय से चले आ रहे अभियान के तहत गुरुवार सुबह छह बजे से शुक्रवार सुबह छह बजे के बीच क्षेत्र में नौसेना के छह पोत भी देखे गए थे.


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ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने और क्या कहा?


मंत्रालय के अनुसार, 19 विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य में उड़ान भरी. इनमें पांच एसयू-30 और दो जे-16 विमान शामिल हैं. जलडमरूमध्य, चीन और ताइवान के बीच एक सहमति के अनुसार एक अनौपचारिक सीमा है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, टीबी-001 ड्रोन ने द्वीप का चक्कर लगाया. 


चीन के आक्रामक रवैये के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की मेजबानी की थी. इसके बाद से चीन इस तरह की कार्रवाई कर रहा है. गौरतलब है कि चीन सरकार दावा करती है कि ताइवान उसके राष्ट्रीय क्षेत्र का हिस्सा है, जबकि ताइवान की वर्तमान सरकार का कहना है कि यह स्वशासित द्वीप पहले से ही संप्रभु राष्ट्र है और चीन का हिस्सा नहीं है.


चीन, ताइवान और अन्य सरकारों के बीच आधिकारिक स्तर पर किसी भी संपर्क का विरोध करता है. दोनों पक्ष 1949 में एक गृहयुद्ध के बाद अलग हो गए थे. द्वीप कभी भी चीन का हिस्सा नहीं रहा है, हालांकि चीन का कहना है कि यदि जरूरत पड़ी तो द्वीप को बल के दम पर मुख्य भूमि में शामिल किया जा सकता है. 


चीन ताइवान को अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में देखता है, यदि आवश्यक हो तो बलपूर्वक एक दिन वापस ले लिया जाए. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का विस्तार और आधुनिकीकरण किया है और चीन के सशस्त्र बलों को ताइवान के आकार का 14 गुना माना जाता है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में वाशिंगटन पोस्ट को दिए एक बयान में कहा था कि वह अपनी सैन्य तैयारियों के बारे में बाहरी राय का सम्मान करता है, लेकिन हाल के चीनी सैन्य अभ्यासों के प्रति उसकी प्रतिक्रिया ने दिखाया कि अधिकारी पूरी तरह से सक्षम, दृढ़ और आश्वस्त थे.