Taiwan Submarine hai qun: ताइवान और चीन के बीच तनातनी किसी से छिपी नहीं है. इन सबके बीच ताइवान ने अपने पहले इंडिजेनस डिफेंस सबमरीन को दुनिया के सामने पेश किया तो चीन ना केवल भड़क उठा बल्कि खिल्ली भी उड़ाई. ताइवान कुल आठ सबमरीन पर काम कर रहा है. बताया जा रहा है कि चीन भले ही कुछ कहे युद्ध की सूरत में ताइवान कड़ी टक्कर देगा इसमें दो मत नहीं है.


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कुछ नहीं कर पाएगा ताइवान


चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू किआन ने कहा कि ताइवान का सबमरीन कार्यक्रम कुछ वैसे ही है जैसे झाड़ू के जरिए समुद्री ज्वार को थामने की कोशिश की जाती है. यही नहीं ताइवान का यह कदम मुर्खतापूर्ण है. उन्होंने कहा कि  भले ही ताइवान कितनी भी हथियार क्यों ना बना ले या इकट्ठा कर ले चीन के एकीकरण का काम होकर ही रहने वाला है. यही नहीं वो चीन के इरादे, इच्छाशक्ति या क्षमता के बराबर नहीं हो सकता. पीपल्स लिबरेशन आर्मी हर तरह की मुश्किलों को पार पाने में सक्षम है.


ताइवानी सबमरीन की खासियत


ताइवान के पहले आईडीएस तो है कून नाम दिया गया है. इसकी डिजाइन पारंपरिक है लेकिन इसे बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है. डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन पर 24 नवंबर 2020 से काम करना शुरू किया गया था. यह पनडुब्बी करीह 70 मीटर लंबी और 2700 टन पानी को विस्थापित करने की क्षमता रखता है. इसमे एक्स आकार का रूडर है जो पानी के अंदर बेहतरीन तरीके से अपने काम को अंजाम दे सकता है. एक अक्टूबर को हार्बर एक्सेपटेंस टेस्ट किया गया था जबकि अप्रैल 2024 में सी ट्रायल किया जाएगा.


इससे पहले 25 सितंबर को ग्लोबल टाइम्स में पीएलए के सीनियर कर्नल वू ने कहा था कि प्रशांत महासागर में पीएलए को रोकने के कोशिश ताइवान के लिए भ्रम है. अगर लड़ाई जैसी सूरत बनती है तो ताइवान के सबमरीन को पीएलए आसानी से खोजकर बर्बाद कर देगा. सबमरीन के बारे में कहा जाता है कि उसे खोज पाना आसान नहीं होता, सबमरीन किसी भी समय कहर बनकर टूट पड़ते हैं.