नई दिल्ली: भारत के हाथों चीन ने 83 दिन में तीसरी बार शिकस्त खाई है. सूत्रों के मुताबिक, पैंगोग झील के दक्षिणी छोर पर शेनपाओ पहाड़ी के पास सोमवार की शाम 5:30 से शाम 6:30 के बीच चीन ने घुसपैठ की कोशिश की लेकिन मुस्तैद भारतीय सेना ने उसे नाकाम कर दिया. भारतीय सेना ने वॉर्निंग शॉट फायर करके चीन के सैनिकों को खदेड़ दिया.  


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अब चीन ने ग्लोबल टाइम्स के जरिये धमकी दी है. चीन ने धमकी देते हुए कहा है कि भारत को एक बार फिर PLA की ताकत का दिखानी होगी. इतना ही नहीं, चीन ने भारत के मीडिया की रिपोर्टिंग पर भी सवाल उठाए. अखबार ने लिखा कि भारत का मीडिया वही दिखता है जो उसकी जनता को अच्छा लगता है और चीन की सेना हर तरह से भारत की सेना से बेहतर है. 


कागज पर दिखा चीन का डर 
अपनी गलती मानने की बजाय चीन इसी घटना को उल्टा भारत पर उकसावे की कार्रवाई का आरोप लगा रहा है. चीन के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता कर्नल झांग शुलई ने बयान जारी करते हुए आरोप लगाया. ऐसा पहली बार हुआ जब कागज पर चीन का डर दिखाई दिया. चीन की सेना के वेस्टर्न थियेटर कमांड की प्रेस रिलीज़ का एक-एक शब्द संदेश दे रहा है कि चीन को आक्रामक भारत से घबराहट होने लगी है. चीन को भारत की ताकत का अंदाजा हो गया है. जरा गौर कीजिए चीन सेना के प्रेस रिलीज के शब्दों पर चीन कहता है:  


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'भारतीय सेना ने चीन के बॉर्डर गार्ड्स पर फायरिंग की. भारत ने समझौतों का गंभीर उल्लंघन किया. हम भारतीय पक्ष से अनुरोध करते हैं. भारत खतरनाक कार्रवाइयों को तुरंत रोके. भारत अपने सैनिकों को तुरंत वापस बुलाए. भारत जांच के बाद अपने सैनिकों को दंडित करे.'  


ये सभी शब्द और वाक्य उस चीन की सेना के हैं जो हमेशा घमंड में चूर रहती है जो हर नियम और समझौतों से खुद को ऊपर समझती है. जो बात-बात पर भारतीय सेना को धमकी देती है. आज चीन की उसी सेना का गुरूर चूर-चूर हो चुका है. लद्दाख में एक नहीं तीन-तीन पराजय के बाद अब वो धमकियों और हेकड़ी से अनुरोध के स्वर पर आ गई है. साथ ही चीन अब झूठ और फरेब का सहारा लेने लगा है. भारत पर LAC पार करने के झूठे बयानों और आरोपों से अब वो छल वाली कूटनीतिक चाल चल रहा है. ये हारे और कमजोर की निशानी है. जाहिर है चीन ने अपनी शक्ति का जो भ्रमजाल अब तक दुनिया को दिखाया था उसे हिंद की सेना ने खंड-खंड कर दिया है.