Difference between Railways of India and Pakistan: आप भारतीय रेलवे (Indian Railways) के बारे में तो काफी कुछ जानते होंगे. आज की तारीख में यह दुनिया का चौथा सबसे लंबा रेल नेटवर्क है, जिसके जरिए रोजाना 4 करोड़ लोग इधर से उधर सफर करते हैं. लेकिन क्या आपको इस बात की जानकारी है कि हमारे साथ ही आजाद हुए पाकिस्तान का रेलवे के मामले में क्या हाल है. वहां पर किस तरह की ट्रेनें चलती हैं. आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. 


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भारत के सामने कहीं नहीं ठहरता पाकिस्तान


अगर दोनों देशों के रेलवे नेटवर्क (Indian Railways) की बात की जाए तो भारत के सामने पाकिस्तान कहीं नहीं ठहरता. भारत का रेल नेटवर्क दुनिया में चौथे नंबर पर है, जबकि पाकिस्तान का नेटवर्क कहीं गिनती में ही नहीं आता. भारत आज पारंपरिक रेलवे से आगे बढ़कर बुलेट ट्रेन की ओर कदम बढ़ा रहा है. वहीं पाकिस्तान आज भी पुराने जमाने की ट्रेनों को ढोने के लिए मजबूर है. 


केवल 11881 किमी लंबी रेल लाइन 


पाकिस्तान में रेलवे (Pakistani Railways) की शुरुआत वर्ष 1861 में हो गई थी, जब वह संयुक्त भारत का हिस्सा हुआ करता था और अंग्रेजों ने देश पर कब्जा कर रखा था. वहां पर रेलवे की लाइनें 11 हजार 881 किमी इलाके में फैली हुई हैं. पाकिस्तानी रेलवे के मुताबिक हर साल 70 मिलियन लोग उसकी ट्रेनों में सफर करते हैं. 


रेल सुविधाओं पर नहीं हो रहा ज्यादा काम


भारत जहां अपने रेलवे (Indian Railways) स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने, वाई फाई सुविधाओं से जोड़ने और हाई स्पीड ट्रेनें शुरू करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. वहीं पर पाकिस्तान में अब भी इंटर सिटी और मेल-एक्सप्रेस जैसी साधारण ट्रेनें चल रही हैं. पाकिस्तान में रेल नेटवर्क (Pakistani Railways) के विकास के लिए ज्यादा काम होता नजर नहीं आता. 


बिगड़े आर्थिक हालात ने खस्ता कर दी हालत


देश के बिगड़े आर्थिक हालात ने पाकिस्तानी रेलवे (Pakistani Railways) की हालत और खस्ता कर दी है. नई परियोजनाएं शुरू करना तो दूर पाकिस्तानी रेलवे अपने मौजूदा कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मियों को पेंशन तक नहीं दे पा रहा है. फंड के अभाव में वहां पर रेलवे के मरम्मत जैसे रूटीन कार्य भी प्रभावित होने लगे हैं.


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