Nishan-e-Pakistan: भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई से ताल्लुक रखने वाले डॉ सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ (‘Nishan-e-Pakistan’) दिया जाएगा. डॉ सैयदना चौथे भारतीय होंगे जिन्हें पाकिस्तान की ओर से यह सम्मान दिया जाएगा. बुधवार को पाक के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पुरस्कार की घोषणा की है. फिलहाल यह पुरस्कार कब दिया जाएगा इसकी तारीख का ऐलान अब तक नहीं किया गया है.


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दाऊदी बोहरा पंथ के प्रमुख हैं डॉ सैयदना


डॉ सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन मुंबई से संचालित इस्लाम के दाऊदी बोहरा पंथ (Dawoodi Bohra sect) के प्रमुख हैं. ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ को ‘ग्रांड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ पाकिस्तान’ ('Grand Cross of the Order of Pakistan') के नाम से भी जाना जाता है. यह सम्मान पाकिस्तान के राष्ट्रीय हित में सर्वोच्च सम्मान वाली सेवाओं के लिए दिया जाता है. इसके साथ ही यह पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान (Pakistan's highest civilian honour) है. इस पुरस्कार को सर्वोच्च सैन्य वीरता पुरस्कार ‘निशान-ए-हैदर’ के समतुल्य माना जाता है.


14 अगस्त को होती है इसकी घोषणा लेकिन


गौरतलब है कि पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त (Independence Day of Pakistan) को इसकी घोषणा की जाती है और अगले साल पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस 23 मार्च (National Day of Pakistan) पर इसे दिया जाता है. हालांकि, कई विशेष मामलों में तारीखों को फॉलो करना जरूरी नहीं होता है. लिहाजा किसी भी वक्त इस पुरस्कार को दिया जाता सकता है. आपको बता दें कि दाऊदी बोहरा समुदाय को मानने वाले लोग करीब 40 देशों में रहते हैं और पाकिस्तान में भी इनकी संख्या काफी अधिक है.


कमजोर वर्गों के सेवा के लिए सम्मान


इस समुदाय के लोग कमजोर वर्गों के बेहतरी के लिए काम करते हैं. आपको बता दें कि इस सम्मान को पाने वाले पहले भारतीय मोरारजी देसाई थे. उन्हें 1990 में ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ से नवाजा गया था. साल 2020 में कश्मीरी अलगाववादी नेता अली गिलानी (Kashmiri separatist leader Ali Geelani) को भी यह पुरस्कार मिल चुका है. आपको बता दें कि कला और संस्कृति के क्षेत्र में भारत के मशहूर एक्टर दिलीप कुमार (Famous actor Dilip Kumar) को भी पाकिस्तान की ओर से 'इम्तियाज-ए-पाकिस्तान' दिया जा चुका है. 


(इनपुट: एजेंसी)