Galwan Violence: CPC बैठक में क्यों चला गलवान में भारतीय सैनिकों के हाथों चीन के जवानों की पिटाई का वीडियो?
China News: सीपीसी के इस अधिवेशन में 2296 डेलीगेट्स हिस्सा ले रहे हैं. चीन इससे पहले भी फाबाओ के जरिए भारत को चिढ़ाने की रणनीति अपनाता आया है. फरवरी में जब विंटर ओलंपिक हुए थे, तब उसकी मशाल कमांडर फाबाओ को ही थमाई गई थी.
China CPC Meet: भारतीय सेना के साथ जून 2020 में गलवान हिंसा के दौरान घायल हुआ चीनी कमांडर कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के अधिवेशन में मौजूद रहा. बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में रविवार से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का 20वां राष्ट्रीय कांग्रेस शुरू हो गया. इसमें चीनी सेना और चीनी पुलिस के 304 प्रतिनिधि शामिल थे. इन लोगों में कमांडर फाबाओ भी शामिल था.
ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में एक बड़ी स्क्रीन पर गलवान में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प का वीडियो भी दिखाया गया. 15 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में कमांडर फाबाओ को भारतीय सेना के जवानों ने पकड़ लिया था. वह तब गंभीर रूप से जख्मी था. हॉल में मौजूद फाबाओ और अन्य कमांडरों को भारत का जवाबी एक्शन फ्रेम दर फ्रेम दिखाया गया.
चीन पर है मनोवैज्ञानिक असर
चीन के बड़े ओहदेदारों और सैन्य कमांडरों के बीच भारतीय सैनिकों के हाथों चीन के सैनिकों की पिटाई का वीडियो यह दर्शाता है कि गलवान में भारत का मुंहतोड़ जवाब चीनी आलाकमान के दिमाग में बैठ गया है. सीपीसी के इस अधिवेशन में 2296 डेलीगेट्स हिस्सा ले रहे हैं. चीन इससे पहले भी फाबाओ के जरिए भारत को चिढ़ाने की रणनीति अपनाता आया है. फरवरी में जब विंटर ओलंपिक हुए थे, तब उसकी मशाल कमांडर फाबाओ को ही थमाई गई थी.
फाबाओ की एक तस्वीर को चीन की प्रोपेगेंडा मीडिया ने काफी वायरल किया था, जिसमें वह भारतीय सैनिकों के सामने खड़ा नजर आ रहा है. सीपीसी में दिखाई गई वीडियो में यह इमेज भी थी. चीन की राजनीति में फाबाओ नामी चेहरा है.
चीन ने किया था धोखा
साल 2020 में जब पूरी दुनिया को कोरोना अपनी चपेट में ले रहा था, तब चीन ने धोखे की नीति अपनाई. 15 जून 2020 को भारत की तरफ से कर्नल संतोष बाबू सैनिकों के साथ गलवान नदी के किनारे चीन के अवैध निर्माण का मुआयना करने गए थे. वहां चीनी सैनिक पहले ही घात लगाए बैठे थे.
उन्होंने अचानक हमला कर दिया. उस वक्त रात हो रही थी. पहले तो चीन के अचानक हमले से भारतीय सैनिक कुछ सेकेंड्स के लिए चौंक गए लेकिन तभी भारत ने पलटवार किया और कड़कड़ती ठंड में दोनों देशों के सैनिकों की जमकर भिड़ंत हुई. इस हिंसा में कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए. हालांकि भारत ने माना कि उसके जवान शहीद हुए हैं. लेकिन चीन ने पहले कहा कि उसका कोई सैनिक मारा नहीं गया है. मगर बाद में जब दबाव पड़ा तब चीन ने माना कि उसके 5 जवान मारे गए हैं.
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