बीजिंग:  भारत (India) को लेकर चीन (China) को भी पाकिस्तान (Pakistan) वाला डर सता रहा है. कुछ वक्त पहले पाकिस्तान ने कहा था कि भारत अपनी घरेलू समस्याओं से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए कोई बड़ी कार्रवाई कर सकता है. अब चीन का कहना है कि देश में कोरोना से बिगड़ती स्थिति के बीच भारत सीमा (Border) पर उकसावे वाली कार्रवाई को अंजाम दे सकता है. चीन की कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ (Global Times) में प्रकाशित एक आर्टिकल में भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते खराब होती स्थिति और बॉर्डर को लेकर कई बातों का जिक्र किया गया है. 


अपनी हरकतों को भूल गया China


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'ग्लोबल टाइम्स' में कहा गया है कि जैसे कि भारत में कोरोना महामारी की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, देश अपनी पुरानी ट्रिक्स को फिर से लागू कर सकता है. जैसे कि बॉर्डर पर चीन और पाकिस्तान (China and Pakistan) के खिलाफ उकसावे वाली कार्रवाई करना. अखबार ने दावा किया है कि लोगों का ध्यान भटकाने के लिए नई दिल्ली ऐसी किसी कार्रवाई को अंजाम दे सकती है. हालांकि, ये बात अलग है कि अब तक चीन और पाकिस्तान ही विवाद भड़काने वाली हरकतें करते आए हैं. भारत-चीन के बीच सीमा विवाद (Border Dispute) बीजिंग की गलत नीतियों की ही देन है. 


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Foreign Issues भड़का सकता है India 


चीनी एक्सपर्ट लैन जियानशू (Lan Jianxue) द्वारा लिखे गए इस आर्टिकल में भारतीय मीडिया के हवाले से बताया है कि चीन में भारतीय राजदूत विक्रम मिसरी (Vikram Misri) ने 15 अप्रैल को कहा कि सीमा विवाद के मुद्दे को कार्पेट के नीचे कर देना और उसे छोटा मुद्दा बताना वास्तव में परेशानी से भागने जैसा है. लेख में आगे कहा गया है कि नई दिल्ली अपने पहले के पैटर्न के हिसाब से कार्रवाई कर सकती है. उदाहरण के लिए, जब भारत में कोई दिक्कत आती है तो वह सीमा विवाद जैसे विदेशी मुद्दों को भड़काकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करता है.  


Corona के हाल पर कही ये बात


ग्लोबल टाइम्स ने भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर को गंभीर बताते हुए कहा है कि रोजाना दो लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं. यह संख्या पिछले सात दिनों से रोजाना सामने आ रही है, जो दर्शाता है कि वहां स्थिति कितनी खराब है. आर्टिकल में आगे कहा गया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने सोमवार को भारत का दौरा रद्द कर दिया. साथ ही यूके ने भारत को रेड लिस्ट में भी डाल दिया है. यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने अमेरिकियों से भारत की यात्रा पर जाने से बचने की सलाह दी है. भले ही उन्होंने वैक्सीन क्यों न लगवा ली हो. 


Vaccine Diplomacy ने तोड़ा सपना


लैन जियानशू ने भारत के वैक्सीन निर्माण पर भी सवाल उठाए हैं. लेख में कहा गया है कि भारत की वैक्सीन प्रोडक्शन कैपेसिटी भी काफी सीमित है. साथ ही यहां कच्चे माल और फंडिंग की भी कमी है. भारत सरकार चिकित्सा कर्मियों, वैक्सीन भंडारण और वैक्सीन परिवहन पर भारी दबाव का सामना कर रही है, जिससे टीकाकरण को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देना मुश्किल हो गया है. दरअसल, भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी ने चीन को वैश्विक स्तर पर काफी चोट पहुंचाई है. चीन को उम्मीद थी कि वैक्सीन के सहारे वो दुनिया पर अपना प्रभाव छोड़ सकेगा और कई देशों को अपने जाल में फंसा लेगा, लेकिन भारत ने दुनिया को वैक्सीन मुहैया कराकर उसका ये सपना तोड़ दिया. इसलिए उसके विशेषज्ञ इस तरह से अपनी खीज निकाल रहे हैं.