Pakistan Army: पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने शनिवार को सेना के दो सेवानिवृत्त अधिकारियों का ‘कोर्ट मार्शल’ किया और उन्हें राजद्रोह भड़काने के आरोप में 14 साल तक के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. मेजर (रिटायर्ड) आदिल फारूक राजा और कैप्टन (रिटायर्ड) हैदर रजा मेहदी को उनकी अनुपस्थिति में सजा सुनाई गई. दोनो दोषी विदेश में रहते हैं और वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व के आलोचक माने जाते हैं. सेना ने एक बयान में कहा कि राजा और मेहदी को सेना के जवानों के बीच राजद्रोह भड़काने के आरोप में पाकिस्तान सेना अधिनियम, 1952 के तहत दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई.


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सजा तो सुना दी, सलाखों के पीछे पहुंचाएगा कौन?


इसमें कहा गया है कि उन्होंने जासूसी से संबंधित आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 के प्रावधानों का भी उल्लंघन किया है. राजा को 14 वर्ष के कठोर कारावास जबकि मेहदी को 12 वर्ष के कठोर कारावास की सजा दी गई है. ‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, न तो राजा और न ही मेहदी के सजा भुगतने की संभावना है क्योंकि वे पाकिस्तान से बाहर रह रहे हैं.


इमरान खान से जुड़े हैं तार


दोषसिद्धि संभवतः नौ मई की घटनाओं से संबंधित है, जब पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद व्यापक हिंसा हुई और महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया. इस साल जून में, इस्लामाबाद के रमना पुलिस थाने में नौ मई के हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ को उकसाने के आरोप में राजा और मेहदी समेत चार लोगों पर मामला दर्ज किया गया था.


कोर्ट का फैसला आने के बाद पीटीआई नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. वहीं अन्य राजनीतिक दलों के नेता मुखर होगा अपनी राय रख रहे हैं.


पाकिस्तान में चुनाव को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही है. नवाज शरीफ पाकिस्तान लौट आए हैं. उनकी पार्टी पीएमएल-एन के कार्यकर्ता उम्मीद से है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)