China Media Group Gave Many Advices to India in Article: दुनिया में तेजी से बढ़ रहे भारत के कद से चीन परेशान है. पिछले करीब 4 साल से पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ चल रही सैन्य तनातनी के बावजूद वह आगे बढ़ने का साहस नहीं जुटा पा रहा है. वहीं विश्व जगत में भारत की बढ़ रही साख भी उसे लगातार चुभ रही है. अब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोपेगंडा न्यूजपेपर चाइना मीडिया ग्रुप ने अपनी भड़ास निकालते हुए भारत को कई नसीहतें दी हैं. 


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'भारत एक महत्वपूर्ण देश'


भारत विश्व में निस्संदेह एक महत्वपूर्ण देश है, इसलिए भारत के विकल्प पर सारी दुनिया का ध्यान आकर्षित है. यह न केवल अंतरराष्ट्रीय राजनीति बल्कि भारत और अन्य देशों के हितों को भी प्रभावित करेगा. भारत को विश्व को अधिक निष्पक्ष एवं तर्कसंगत दिशा में बढ़ाने के लिए सही नीति अपनानी चाहिए. यह भारत की दीर्घकालिक विकास से जुड़ा अहम निर्णय है. 


'भारत को भी कुछ लाभ देने का वादा' 


आज विश्व में प्रमुख शक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा और उत्तर-दक्षिण संघर्ष दोनों मौजूद हैं. प्रतिस्पर्धियों को दबाने के लिए अमेरिका ने चीनी हाई-टेक कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं. साथ ही, इसने ताइवान जलडमरूमध्य जैसे क्षेत्रों में सैन्य अभ्यास किया. यहां तक कि अमेरिका ने भारत को भी चीन के खिलाफ किसी छोटे घेरे में शामिल करवाने की भी कोशिश की. इस उद्देश्य से अमेरिका भारत को कुछ लाभ देने का वादा करने में संकोच नहीं करता. 


'भारत कैसा राजनीतिक रवैया अपनाएगा'


ड्रैगन ने सवाल किया कि ऐसी स्थिति में भारत कैसा राजनीतिक रवैया अपनाएगा? क्या वह क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ाने के लिए यथार्थवादी नीति से अपने पड़ोसी संबंधों को संभालेगा? हाल के वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकसित हुई है. इसकी जीडीपी यूनाइटेड किंगडम से भी आगे निकल गई है. यह विश्व शक्ति बनने के लक्ष्य की ओर लगातार प्रगति कर रहा है. 


'भारत को स्मार्ट नीति विकल्प की जरूरत'


हाल ही में दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भारत द्वारा वकालत किए गए "वसुधैव कुटुम्बकम" पर विश्व का ध्यान आकर्षित हुआ. कुछ भारतीय राजनेताओं ने कहा कि भारत विश्वगुरु बनकर अपने मूल्यों और संस्कृति को दुनिया भर में फैलाएगा. महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए स्मार्ट नीति विकल्पों की आवश्यकता भी चाहिए. 


'स्पष्ट सैद्धांतिक रुख दिखाए भारत'


दूसरी तरफ भारत में आर्थिक विकास और राष्ट्रीय शासन के संदर्भ में कुछ कमियां भी मौजूद हैं. एक सच्ची विश्व शक्ति बनने के लिए, उसे अदूरदर्शी अवसरवादी रवैया अपनाने के बजाय अंतरराष्ट्रीय राजनीति में स्पष्ट सैद्धांतिक रुख प्रदर्शित करना होगा. वर्तमान दुनिया में यह बहुत स्पष्ट है कि कौन विकासशील दुनिया के हितों का अधिक प्रतिनिधित्व करता है और कौन अपने स्वार्थों के लिए प्रतिस्पर्धियों का स्वेच्छा से दमन कर रहा है. इस वर्ष आयोजित ब्रिक्स और एससीओ शिखर सम्मेलनों ने एकता से सहयोग को बढ़ावा देने और विशेष छोटे समूहों की स्थापना का विरोध करने पर अपना स्पष्ट रुख व्यक्त किया. 


(एजेंसी आईएएनएस)