Attack On Abu Hanzala: लश्कर-ए-तैयबा का खूंखार आतंकी अदनान अहमद उर्फ अबू हंजाला, जिसने 7 साल पहले CRPF के जवानों का खून बहाया था, तीन दिन पहले उसको बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया है. देश भी हंजाला का, शहर भी हंजाला का, इलाका भी हंजाला का, पर मल्टी सिक्योरिटी के पीछे सालों से दुबक रहा हंजाला गोलियों से भून दिया गया. लाख कोशिशों के बाद भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI हंजाला को नहीं बचा पाई. हैरानी की बात है कि पाकिस्तान समझ भी नहीं पा रहा है कि ये कौन कर रहा है? क्यों कर रहा है? आतंकियों को निपटाने वाले का मकसद क्या है? वह यह खुद कर रहा है या उससे कोई ऐसा कर रहा है? बता दें कि कराची में टॉप आतंकी अदनान अहमद उर्फ अबू हंजाला को किसी ने मार डाला है. अदनान अहमद लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर और कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था. आइए जानते हैं कि मारने वाले ने अदनान अहमद को कितनी बेरहम मौत दी?


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ISI की मल्टीलेयर सिक्योरिटी भी नहीं बचा पाई


टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अदनान अहमद को गोलियों से भून दिया गया है. हमलावर ने अदनान अहमद के सिर, सीने और पेट में पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोलियां मारीं. और हैरानी की बात ये है कि हमलावर ने ऐसा अदनान अहमद की दो लेयर की सुरक्षा को तोड़कर किया. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भी अदनान अहमद को नहीं बचा पाई.


सीसीटीवी फुटेज में क्या दिखा?


अदनान अहमद पर हमले से जुड़े सीसीटीवी फुटेज और कुछ फोटोज भी सामने आए हैं. कहा जा रहा है कि इन्हें टेलीग्राम पर एक लश्कर सपोर्टर ने पोस्ट किया है. इन फोटोज में दिख रहा है कि अदनान अहमद को गोली लगने के बाद वैन से डाला गया था. अदनान अहमद के घर के बाहर हमलावर ने उसे गोली मार दी. हमले के बाद उसे अब्बासी शहीद हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.


अदनान अहमद का गुनाह क्या था?


बता दें कि पहले अदनान के बेस रावलपिंडी में था. लेकिन बाद में वह कराची शिफ्ट हो गया था. जान लें कि 2016 में जम्मू-कश्मीर के पम्पोर में CRPF के काफिले पर अटैक हुआ था. इसमें 8 जवान शहीद हो गए थे और 22 जवान घायल हो गए थे. इसकी साजिश का आरोप अदनान अहमद पर था. अदनान, भारत के वांटेड की लिस्ट में शामिल था.


पाकिस्तान में क्या करता था अदनान?


एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि 2020 में, अदनान रावलपिंडी से कराची शिफ्ट हो गया था. इसके बाद वह मिल्ली मुस्लिम लीग के लिए काम करने लगा. मिल्ली मुस्लिम लीग, लश्कर और जमात उल दावा का राजनीतिक मोर्चा है. अदनान लश्कर-ए-तैयबा के टॉग नेताओं के साथ लगातार संपर्क में रहता था. लोकल आतंकवादियों की हायरिंग में भी अदनान एक्टिव रहता था.