Paksitan Army: पिछले महीने की 9 मई को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की गिरफ्तारी के बाद फैली हिंसा में दर्जनों लोगों की मौतें हुई थी. पाकिस्तान में इसे लेकर सबसे ज्यादा प्रदर्शन पाकिस्तानी सेना (Pak Army) के खिलाफ हुए थे. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में सेना के बेस पर हमला बोल दिया था जिसकी वजह से सेना के कई कोर कमांडर्स को जान बचा कर सुरक्षित जगहों पर जाना पड़ा था. ऐसे में पाकिस्तान में सेना के खिलाफ फैली नाराज़गी को दबाने के लिए पाकिस्तान की सरकार की तरफ से एक नया प्रोपेगेंडा शुरु किया गया है.


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शहबाज शरीफ का नया 'गेम प्लान'


ज़ी मीडिया के पास मौजूद एक्सलूसिव डाक्यूमेंट से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान सरकार ने एक फरमान जारी कर सबसे अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान सरकार की तारीफ वाले संदेशों को वायरल करे.


(Pakistan Govt)

पाकिस्तान के पंजाब सरकार (Punjab Government) की तरफ से जारी एक ऐसे ही आदेश में कहा गया है कि सभी अधिकारियों को सोशल मीडिया पर “Love Pakistan”, Pakistan Zindabad”, “Beautiful Pakistan”, Pak Dharti”  और “Brave People” से जुड़ी आईडी बनानी होगीं. इस काम की डेडलाइन 2 जून तय की गई थी. इसी मियाद में हर अफसर को इस टास्क को पूरा करने के साथ-साथ नई आईडी की जानकारी सरकार से साझा करने को कहा गया था.


पाकिस्तानी जनता को बरगलाने की कोशिश


जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान सरकार की इस कवायद के पीछे सबसे बड़ी वजह है कि पाकिस्तान में आम लोगों की सरकार और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ गुस्से को दबाया जा सके. पाकिस्तान सरकार के लिए काम करने वाले सभी अधिकारियों को पाकिस्तानी सेना और सरकार की तारीफ वाले संदेशों को उनके नये एकाउंट के जरिये वायरल किया जायेगा. अब इन सभी आईडी के जरिये सोशल मीडिया पर सरकार की तरफ से बड़े स्तर पर प्रोपेगेंडा फैलाने की तैयारी की जा रही है.


जनता के आक्रोश से डरी सरकार!


पाकिस्तानी सरकार आम लोगों की नाराज़गी से इस कदर डरी हुई है कि उसने पूरे पाकिस्तान में काम कर रहे अधिकारियों को सोशल मीडिया से जुड़े फैसले को तुरंत अमल करने को कहा है. गौरतलब है कि इस साल 9 मई को पाकिस्तान के पूर्व प्रधामनमंत्री इमरान खान जब दोपहर 3 बजे के करीब इस्लामाबाद हाईकोर्ट पहुंचने वाले थे तो उसी समय पाकिस्तानी रेंजर्स के जरिये उन्हें गिरफ्तार कर रावलपिंडी के आर्मी हेडक्वार्टर में लाया गया था. गिरफ्तारी के बाद से ही इस्लामाबाद से लेकर लाहौर तक हिंसक प्रदर्शन शुरु हो गये थे और उसे नियंत्रित करने के लिए सेना और पुलिस की तैनाती करनी पड़ी थी.