Maryam Faisal Obscene Video: पाकिस्तान में टिकटॉकर और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर का प्राइवेट डेटा लीक होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. ताजा मामला टिकटॉकर मरियम फैसल का है.
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Maryam Faisal Obscene Video: पाकिस्तान में टिकटॉकर और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर का प्राइवेट डेटा लीक होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. ताजा मामला टिकटॉकर मरियम फैसल का है. जिनका कथित प्राइवेट वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस घटना ने देश में ऑनलाइन प्राइवेसी और डिजिटल सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है.
मरियम फैसल का प्राइवेट वीडियो वायरल
मरियम फैसल के टिकटॉक पर 6 लाख फॉलोअर्स और लाखों लाइक्स हैं. सोशल मीडिया और वॉट्सऐप ग्रुप्स पर एक वीडियो और कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें कथित तौर पर मरियम को एक पुरुष साथी के साथ निजी पलों में दिखाया गया है. हालांकि, इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं हुई है और मरियम ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
Comments like and repost b mar dia kro pic.twitter.com/u6a46Ekls7
— Saweera (@Saweera2067514) December 1, 2024
पांचवीं घटना ने बढ़ाई चिंता
मरियम फैसल का यह मामला पाकिस्तान में ऐसा पहला मामला नहीं है. इससे पहले मथीरा खान, मिनाहिल मलिक, इम्शा रहमान और कंवल आफताब जैसे इंफ्लुएंसर्स भी ऐसे विवादों का शिकार हो चुके हैं. यह घटना डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्राइवेसी उल्लंघन और व्यक्तिगत डेटा के दुरुपयोग के बढ़ते खतरे को उजागर करती है.
कंवल आफताब का मामला
पिछले महीने टिकटॉकर कंवल आफताब का कथित प्राइवेट वीडियो लीक होने की खबर सामने आई थी. लाहौर की रहने वाली कंवल अपने टिकटॉक कंटेंट और मॉडलिंग करियर के लिए जानी जाती हैं. वे पहले भी ऐसे विवादों का सामना कर चुकी हैं. कंवल के इंस्टाग्राम पर 4 मिलियन और फेसबुक पर 3.1 मिलियन फॉलोअर्स हैं. उनके प्रशंसक उन्हें उनके पारिवारिक और लाइफस्टाइल कंटेंट के लिए पसंद करते हैं.
डिजिटल प्राइवेसी पर सवाल
इन घटनाओं ने डिजिटल सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को अक्सर ऑनलाइन उत्पीड़न और व्यक्तिगत डेटा के दुरुपयोग का सामना करना पड़ता है. ऐसे मामलों से न केवल उनके करियर बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ता है.
समाज और कानून की जिम्मेदारी
पाकिस्तान में बढ़ते डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के साथ-साथ साइबर क्राइम भी तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे मामलों से निपटने के लिए न केवल सख्त कानूनों की जरूरत है, बल्कि समाज को भी संवेदनशीलता दिखाने की आवश्यकता है. इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि डिजिटल प्राइवेसी की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाना अब बेहद जरूरी है.