China News: चीन ने सोमवार को एक सरकारी कर्मचारी पर संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया, यह एक महीने में जासूसी की दूसरी घटना है. बीजिंग ने पिछले महीने एक संशोधित जासूसी विरोधी कानून लागू किया है जो अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मान जाने वालों को दंडित करने के लिए पहले से कहीं अधिक शक्ति देता है.


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राज्य सुरक्षा मंत्रालय (एमएसएस) ने एक बयान में कहा, 'मामले की जांच चल रही है, इसमें 39 वर्षीय हाओ शामिल है, जो एक मंत्रालय के लिए काम करता था. मंत्रालय ने कहा कि हाओ जापान में पढ़ाई कर रहा था, जब एक वीजा आवेदन के दौरान उसकी जान-पहचान अमेरिकी दूतावास के एक कर्मचारी से हुई और उसने उसके साथ 'एक करीबी रिश्ता' विकसित कर लिया.


'हाओ ने साइन किया कॉन्ट्रैक्ट'
इसके बाद उस व्यक्ति ने हाओ को केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) के एक अन्य सहयोगी से मिलवाया, जिसने हाओ को अमेरिकी एजेंसी के लिए जासूसी शुरू करने के लिए राजी किया. एमएसएस के अनुसार, 'हाओ ने एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए और उनके निर्देशों के अनुसार सरकार में नौकरी पाने से पहले अमेरिकी प्रशिक्षण प्राप्त किया.'


मंत्रालय ने कहा कि हाओ ने वहां काम करने के दौरान खुफिया जानकारी मुहैया कराने और जासूसी के लिए धन इकट्ठा करने के लिए देश के भीतर सीआईए कर्मियों के साथ कई गुप्त संपर्क बनाए.


हाल ही में आया था एक ऐसा ही मामला?
इससे पहले अगस्त में ही चीन ने सीआईए के एक कथित जासूस को गिरफ्तार किया था. रॉयटर्स के मुताबिक सरकारी मीडिया ने बताया कथित सीआईए जासूस एक चीनी नागरिक है, जो एक सैन्य-औद्योगिक समूह के लिए काम करता था. उसे संवेदनशील सैन्य जानकारी के बदले अमेरिका में धन और इमिग्रेशन की पेशकश की गई थी. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक यह शख्स इटली गया था और वहां अमेरिकी दूतावास के अधिकारी के संपर्क में आया था.


बीजिंग ने हाल ही अपने जासूसी विरोधी कानून में संशोधन कर चीन में काम करने वाले कई अमेरिकी कंपनियों को डरा दिया है. नए कानून के तहत, 'जासूसी संगठनों और उनके एजेंटों पर भरोसा करने' के साथ-साथ 'दस्तावेजों, डाटा, सामग्रियों और राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों से संबंधित वस्तुओं' की अनधिकृत प्राप्ति को जासूसी अपराध माना जा सकता है.