लाहौर: लाहौर (Lahore) हाईकोर्ट (एलएचसी) ने सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Perwez Musharraf) के आवेदन पर पाकिस्तान सरकार को एक नोटिस जारी किया, जिसमें पूर्व में इस्लामाबाद (Islamabad) में एक विशेष अदालत के समक्ष लंबित राजद्रोह मामले की कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था.


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डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मुशर्रफ ने अपने आवेदन में एलएचसी को विशेष अदालत के समक्ष लंबित कार्यवाही की घोषणा करने और उसके खिलाफ सभी कार्रवाई करने, उच्च राजद्रोह की शिकायत शुरू करने से लेकर अभियोजन पक्ष की नियुक्ति और ट्रायल कोर्ट के गठन को असंवैधानिक करार दिया.


तीन सदस्यीय विशेष अदालत से उम्मीद की जा रही है कि वह लंबे समय से चले आ रहे इस राजद्रोह के मामले में मंगलवार को अपना फैसला सुना सकती है. हालांकि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने इस मामले में फैसला सुनाने पर रोक लगाने का आदेश दिया था.


मामले के संबंध में विशेष अदालत द्वारा फैसला सुनाने से एक दिन पहले 27 नवंबर को इस्लामाबाद हाईकोर्ट का आदेश आया था. यह आवेदन 14 दिसंबर को अधिवक्ता ख्वाजा अहमद तारिक रहीम और अजहर सिद्दीकी के माध्यम से दायर किया गया था. सरकार को नोटिस जारी करते हुए एलएचसी ने मंगलवार को मुख्य याचिका के साथ सुनवाई करने का फैसला किया.


तीन नवंबर 2007 को आपातकाल की स्थिति के लिए पूर्व राष्ट्रपति का राजद्रोह मुकदमा दिसंबर 2013 से लंबित है. उन पर दिसंबर 2013 में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. मुशर्रफ को 31 मार्च 2014 को दोषी ठहराया गया और अभियोजन पक्ष ने उसी साल सितंबर में विशेष अदालत के समक्ष पूरे सबूत पेश किए थे. मुशर्रफ ने मार्च 2016 में पाकिस्तान छोड़ दिया था.


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(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस)