चुनाव में PAK सेना कर सकती है बड़ी धांधली? अंतरिम PM काकड़ ने दिया ये बड़ा बयान
Pakistan Election: पाकिस्तान में आगामी चुनाव को लेकर सियासी दलों में खेमेबाजी तेज हो गई है. जेल में बंद चल रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री लगातार शहबाज शरीफ और उनके सहयोगियों के निशाने पर हैं. पाकिस्तान में अगले साल कभी भी चुनाव हो सकता है.
Pakistan Election: पाकिस्तान में आगामी चुनाव को लेकर सियासी दलों में खेमेबाजी तेज हो गई है. जेल में बंद चल रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री लगातार शहबाज शरीफ और उनके सहयोगियों के निशाने पर हैं. पाकिस्तान में अगले साल कभी भी चुनाव हो सकता है. इससे पहले कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चुनाव में पाक सेना बड़ी धांधली कर सकती है. आइये आपको बताते हैं इन अटकलों पर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक ने क्या कहा.
इमरान खान को रोकने की साजिश?
पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार उल हक काकड़ ने अगले साल संसदीय चुनाव कराये जाने की उम्मीद व्यक्त करते हुए देश की ताकतवर सेना द्वारा इमरान खान को सत्ता पर काबिज होने से रोकने के लिए चुनाव परिणामों में हरफेर की संभावनाओं को खारिज कर दिया. अनवार उल काकड़ ने शुक्रवार को एसोसिएटेड प्रेस को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि देश में चुनाव, निर्वाचन आयोग कराएगा न कि सेना और आयोग के अध्यक्ष को (प्रधानमंत्री रहते हुए) खान ने नियुक्त किया था, इसलिए ''वह किसी भी तरीके से उनके खिलाफ क्यों जायेंगे?''
जनवरी में होगा पाकिस्तान चुनाव
अप्रैल, 2022 में संसद में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से खान को सत्ता से हटाया गया था. तब से पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ रहा है. खान को भ्रष्टाचार के आरोपों में अगस्त के प्रारंभ में गिरफ्तार किया गया था एवं तीन साल की कैद की सजा सुनायी गयी थी. बाद में सजा निलंबित कर दी गयी, लेकिन अब भी वह जेल में हैं. पाकिस्तान चुनाव आयोग ने बृहस्पतिवार को कहा कि (अगले साल) जनवरी के आखिरी हफ्ते में चुनाव कराये जायेंगे .
चुनाव नवंबर में कराया जाना था..
हालांकि संविधान के अनुसार यह चुनाव नवंबर में कराया जाना था. काकड़ ने पिछले महीने 'सीनेटर' के पद से इस्तीफा दिया था क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और विपक्ष के नेता राजा रियाज ने उन्हें चुनाव कराने तथा नयी सरकार के निर्वाचित होने तक प्रशासनिक कामकाज के वास्ते कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में चुना था. काकड़ ने कहा कि जब चुनाव आयोग एक निश्चित तारीख तय करेगा तो उनकी सरकार ‘‘ वित्तीय, सुरक्षा या अन्य संबंधित जरूरतों संबंधी सभी सहायता करेगी.’’
चाहे इमरान खान हो या कोई अन्य..
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह न्यायाधीशों को सिफारिश करेंगे कि वह खान की दोषसिद्धि पलट दें ताकि वह चुनाव लड़ पायें, तो उन्होंने कहा कि वह न्यायपालिका के निर्णयों में दखल नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को ‘किसी राजनीतिक मकसद के हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम किसी के सिलसिले में व्यक्तिगत बदले की भावना पर आगे नहीं बढ़ रहे. लेकिन हां, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उपयुक्त कानून हो. चाहे इमरान खान हो या कोई अन्य नेता, जिसने अपने राजनीतिक आचरण की दृष्टि से देश के कानूनों का उल्लंघन किया है तो कानून का राज कायम करना ही होगा. हम उसकी तुलना राजनीतिक भेदभाव से नहीं कर सकते.’’
जेल में बंद हैं इमरान खान
काकड़ ने कहा कि जेल में बंद खान और उनकी पार्टी के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के बिना भी निष्पक्ष चुनाव कराये जा सकते हैं क्योंकि वे लोग तोड़फोड़ एवं आगजनी में लिप्त थे. प्रधानमंत्री का इशारा मई में खान की प्रारंभिक गिरफ्तारी पर हुई हिंसा की ओर था. उन्होंने कहा कि खान की पार्टी के जो हजारों कायकर्ता अवैध गतिविधियों में शामिल नहीं थे वे राजनीतिक प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे, वे चुनाव में भाग लेंगे. पाकिस्तान की सेना का सरकारों के बनने और उनके गिरने में हाथ माना जाता रहा है. खान के कुछ समर्थकों के मुताबिक पाकिस्तान में सही मायने में सैन्य शासन है, ऐसे में लोकतंत्र खतरे में है. सेना से कथित नजदीकी रखने वाले काकड़ ने कहा कि ये आरोप ‘हमारी राजनीतिक संस्कृति का अंग है’ जिसपर वह ध्यान नहीं देते हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)