Shehbaz Sharif Govt: पाकिस्तान में आर्थिक संकट के बीच अब नया सियासी संकट खड़ा होता नजर आ रहा है. सत्ताधारी गठबंधन सरकार में दूसरी सबसे बड़ी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) मौजूदा नीतियों से खुश नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, देश में अक्टूबर में होने वाले आम चुनावों से पहले पीपीपी अलग होने की तैयारी में है.


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द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि पीपीपी पंजाब में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) विरोधी भावनाओं को भुनाना चाहती है, जो सबसे अधिक आबादी वाला प्रांत है, जिसकी चुनावी जीत यह तय करती है कि देश पर शासन कौन करेगा. पीपीपी 2023-24 के संघीय बजट के पारित होने के बाद गठबंधन छोड़ने की घोषणा कर सकती है.


शुरू हुआ चर्चाओं का दौर


द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने पार्टी नेताओं के साथ सलाह लेनी शुरू कर दी है. सिंध प्रांत के पीपीपी की ओर से नियुक्त मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने बुधवार को प्रांतीय विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि संघीय सरकार ने पिछले साल की बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए आवंटन बढ़ा दिया है. लेकिन, पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी और सिंध सरकार अभी भी संतुष्ट नहीं है. केंद्र को सिंध के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए और अधिक धन उपलब्ध कराना चाहिए.


जबकि, 17 जून को स्वात में एक रैली को संबोधित करते हुए शहबाज सरकार में विदेश मंत्री बिलावल ने अपनी ही सरकार पर प्रस्तावित बजट में, पिछले साल की विनाशकारी बाढ़ का खामियाजा भुगतने वाले प्रांतों की, पूरी तरह से अनदेखी करने का आरोप लगाया था.


चुनाव की तैयारियों का आगाज


दूसरी ओर, पाकिस्तान में आम चुनाव कराने के लिए तैयारी शुरू हो गई है. इसके तहत चुनाव आयोग ने बैठक भी की. पाकिस्तान की वर्तमान नेशनल असेंबली 12 अगस्त को अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और पाकिस्तान के संविधान में निर्धारित 60 दिनों के भीतर नए आम चुनाव कराए जाने चाहिए.


पाक के मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा  को आगामी आम चुनावों की तैयारियों और अब तक की गई व्यवस्थाओं के बारे में बताया गया है. इससे पता चलता है कि ईसीपी ने निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से चुनाव आयोजित करने के लिए कई शुरुआती उपाय किए हैं. उनको बताया गया कि मतपत्र के लिए जरूरी चुनाव सामग्री और कागज खरीद लिए गए हैं और मतदान केंद्रों की सूची तैयार कर ली गई है.


ईसीपी ने चुनाव के लिए मतदाता सूची में मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन, नाम हटाने और वेरिफिकेशन की आखिरी तारीख के रूप में 13 जुलाई की घोषणा पहले ही कर दी है.


(इनपुट-IANS)