Pakistan Economy: पाकिस्तान (Pakistan) यूं तो कंगाल है पर उसकी अकड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है. पाकिस्तान को जिस आईएमएफ (IMF) से कर्ज चाहिए वह अब उसी को आंखें दिखा रहा है. दरअसल, आईएमएफ ने हाल में आए पाकिस्तान के बजट की आलोचना की है. लेकिन पाकिस्तान को आईएमएफ की बात बुरी लग गई है. पाकिस्तान डिफॉल्ट होने की कगार पर खड़ा है लेकिन वो सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. आईएमएफ की आलोचना का जवाब देते हुए पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) ने कहा कि पाकिस्तान संप्रभु (Sovereign) देश है. पाकिस्तान कर्ज देने वाले की सारी शर्तों को कबूल नहीं कर सकता है.


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इशाक डार का बयान PAK को पड़ेगा भारी!


हालांकि, पाकिस्तान के अकड़ वाले रवैये से ये बात तो साफ हो गई है कि उसे फिलहाल आईएमएफ की तरफ से कर्ज मिलने वाला नहीं है. ऐसे में पाकिस्तान के आगे मुश्किल ये है कि वह अपने पुराने कर्ज वक्त पर कैसे चुकाएगा, क्योंकि अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसको डिफॉल्ट घोषित कर दिया जाएगा.


पाकिस्तान ने IMF को दिखाई अकड़


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी सीनेट की स्टैंडिंग कमेटी को वित्त और राजस्व पर संबोधित करते हुए इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान आईएमएफ की सभी शर्तें स्वीकार नहीं कर सकता. उन्होंने आगे कहा कि एक संप्रभु देश के तौर पर पाकिस्तान को कुछ टैक्स छूट देने का अधिकार होना चाहिए. आईएमएफ कह रहा था कि हम किसी भी सेक्टर में टैक्स छूट न दें.


पाकिस्तान ने बढ़ाया रेवेन्यू का टारगेट


इस मौके पर पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने सीनेटरों से कहा कि उनकी सरकार को पता है कि रेवेन्यू जेनरेट करने के लिए कितना कर इकट्ठा करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि पाकिस्तान सरकार ने बजट में टैक्स के टारगेट को 7.2 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से बढ़ाकर 9.2 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये किया है. 


पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने ये भी कहा कि ये टारगेट टैक्स छूट से अलग है. टैक्स फ्री सेक्टर्स से कोई बजट नहीं आता है. हम इस मुद्दे पर आईएमएफ को विश्वास में लेंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि नए बजट में सरकार इकोनॉमिक डेवलपमेंट के लिए ध्यान केंद्रित कर रही है.


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