Pakistan: 24 घंटे बाद घर लौटा सबसे बड़े अखबार का मशहूर जर्नलिस्ट, सादे वर्दी में आए लोगों ने कराची से उठाया था
Abduction of Pakistani Journalist: पत्रकार की पत्नी ने बलूच कॉलोनी पुलिस स्टेशन में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें सादे कपड़ों में पुलिस और कर्मियों पर अज्ञात कारणों से उसके पति का ‘अपहरण’ करने का आरोप लगाया था.
Pakistan News: वरिष्ठ पत्रकार सैयद मुहम्मद अस्करी, जिन्हें कथित तौर पर सादे कपड़ों में पुलिस और कर्मियों ने कराची से ‘उठाया’ था, 24 घंटे से अधिक समय के बाद अपने घर लौट आए. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक जियो न्यूज ने को यह जानकारी दी. पत्रकारों के अपहरण के एक और मामले में, पाकिस्तान के सबसे ज्यादा प्रसारित होने वाले उर्दू अखबार ‘डेली जंग’ के वरिष्ठ पत्रकार अस्करी को शनिवार देर रात कराची में कोरंगी रोड पर कय्यूमाबाद केपीटी इंटरचेंज के पास से उठाया गया था.
डॉन.कॉम के मुताबिक डेली जंग के एक रिपोर्टर साकिब सगीर ने सोमवार को पुष्टि की कि अस्करी ‘वापस’ आ गए हैं. सगीर ने कहा कि अस्करी ने उन्हें सुबह 3 बजे फोन किया था और कहा था कि वह सुरक्षित घर पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि अस्करी को सोहराब गोथ के पास छोड़ दिया गया और उसका मोबाइल फोन और बटुआ उसे वापस नहीं दिया गया.
पत्रकार की पत्नी ने लगाए पुलिस पर गंभीर आरोप
इससे पहले पत्रकार की पत्नी ने बलूच कॉलोनी पुलिस स्टेशन में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें सादे कपड़ों में पुलिस और कर्मियों पर अज्ञात कारणों से उसके पति का ‘अपहरण’ करने का आरोप लगाया था. आवेदन में अस्करी की तत्काल रिहाई का अनुरोध किया था.
पत्रकार की पत्नी ने बताया कि कर्मियों ने अपने चेहरे ढके हुए थे और वे एक पुलिस मोबाइल और एक सफेद वाहन में थे. उन्होंने कहा कि वे रविवार को लगभग 1:15 बजे बिना कोई कारण बताए उनके पति को ले गए.
जब अस्करी एक समारोह से लौट रहे थे तो उनकी कार को नकाबपोश लोगों ने बिना किसी कारण के रोक लिया. अस्करी ने कर्मियों को अपना परिचय दिया और उन्हें बताया कि वह डेली जंग के लिए एक रिपोर्टर है, लेकिन फिर भी वे उसे पीटते हुए अपने साथ ले गए.
द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, जब रिपोर्टर के एक दोस्त ने पुलिस हेल्पलाइन 'मददगार 15' से संपर्क किया और घटना के बारे में बताया, तो कॉल रिसीव करने वाले पुलिसकर्मी ने उसे संबंधित पुलिस स्टेशन से संपर्क करने के लिए कहा. जमान टाउन पुलिस स्टेशन के SHO राव रफीक को घटना के बारे में बताया गया, लेकिन पुलिस ने इसकी जानकारी होने से इनकार कर दिया.
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने की अपहरण की निंदा
डॉन.कॉम के मुताबिक पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने भी पत्रकार के ‘अपहरण’ की निंदा की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की. इसमें कहा गया, ‘बिना किसी आरोप के पत्रकारों का इस तरह से अपहरण किया जाना न केवल लोकतंत्र के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता पर बल्कि आलोचना और विरोध सहने की क्षमता पर भी सवाल उठाता है.’
(इनपुट - एजेंसी)