Pakistan Crisis: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अब उम्मीद की किरण मिलती नजर आ रही है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF के साथ नौवीं समीक्षा के लिए पाकिस्तान की लंबे समय से चली आ रही बातचीत में सफलता मिलने की संभावना है. 


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इस समझौते पर दस्तखत को लेकर जल्द ही आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हफ्ते की शुरुआत में पेरिस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉजीर्वा के साथ बातचीत के बाद दोनों पक्षों के बीच कई बैठकें हुईं.


PAK-IMF ने कम किए मतभेद


पाकिस्तान की ओर से बजट में एडजस्टमेंट करने की पेशकश के बाद पाकिस्तान और आईएमएफ ने शुक्रवार को अपने मतभेदों को कम कर लिया और इंपोर्ट पर बैन भी तुरंत वापस ले लिया. सूत्रों ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि सरकार ने आईएमएफ को बताया कि वह बजट और टैक्सेशन दोनों पक्षों में एडजस्टमेंट करने को तैयार है.


आगे कहा कि यह पेशकश जीडीपी के लगभग 0.3 प्रतिशत के बराबर थी, लेकिन यह ग्लोबल लेंडर्स के पहचाने गए अंतर का लगभग आधा था. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने खर्चों में 200 अरब पीकेआर की कटौती करने और 100 अरब पीकेआर के नए टैक्स लगाने की पेशकश की है.


पाक को अब है ये उम्मीद


द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों को उम्मीद थी कि चल रही बातचीत का दौर सफल रहेगा और कर्मचारी स्तर पर जल्द से जल्द समझौता हो सकेगा. सूत्रों ने कहा कि गुरुवार से चीजें असल में तेज रफ्तार से आगे बढ़ी हैं.


वित्त मंत्रालय ने इस घटनाक्रम पर आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है. आईएमएफ की तरफ से पाकिस्तान को और एडजस्टमेंट करने के लिए कहने के बाद शुक्रवार देर रात तक चर्चा जारी रही. अगले वित्तीय वर्ष की अर्थव्यवस्था के अनुमानित आकार में, पाकिस्तान की ओर से पेशकश लगभग 300 अरब पीकेआर के बराबर थी, लेकिन सटीक आंकड़े की पुष्टि नहीं हो पाई.


(इनपुट-IANS)