ताशकंद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) सेंट्रल-साउथ एशियन कॉन्फ्रेंस (Central South Asian Conference) में भाग लेने के लिए ताशकंद पहुंचे. यहां उनसे जब भारत के साथ संबंधों को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसके लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया. 
दूसरी तरफ इमरान अफगानिस्तान में तालिबान की कार्रवाई के संबंध में पाकिस्तान की भूमिका और सीमापार आतंकवाद पर पूछे गए सवालों से बचते नजर आए. 


तालिबान, अफगानिस्तान पर चु्प्पी


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जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) से पूछा गया, क्या बातचीत और आतंकवाद, दोनों साथ-साथ चल सकते हैं? इमरान खान ने कहा, 'मैं भारत से कह सकता हूं कि हम लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं कि हम सभ्य पड़ोसियों की तरह रह सकें लेकिन हम क्या कर सकते हैं. आरएसएस की विचारधारा आड़े आ गई है?' इसके बाद इमरान खान सवालों से बचते नजर आए. इमरान खान से पूछा गया कि क्या तालिबान आपके नियंत्रण में नहीं है. आपके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं. इन सवालों का जवाब दिए बिना ही इमरान आगे बढ़ गए.


 



 


'आतंवाद और बातचीत एक साथ नहीं'


बता दें कि भारत ने बार-बार पाकिस्तान को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से संचालित आतंकवादी नेटवर्क (Terrorist Network) के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है. साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती. सीमा आतंकवाद मुद्दे पर भारत ने यह भी कहा है कि वह पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ सामान्य संबंध चाहता है. 


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पाक लगातार फैला रहा आतंकवाद


भारत ने पाकिस्तान से साफ कहा, 'विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय' कार्रवाई करने सहित अन्य उपायों के जरिए से एक अनुकूल माहौल तैयार करे, ताकि सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग न किया जा सके. गौरतलब है कि पड़ोसी देश से बातचीत की स्थित आतंकी समूहों द्वारा 2016 में पठानकोट एयरफोर्स बेस पर आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच ठप हो गई है. 


(Input: ANI)


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