Pakistan news: पाकिस्तान सरकार अब मौलानाओं की शरण में, उलेमा ऐसे बचाएंगे आर्थिक तबाही से!
Shahbaz sharif: पकिस्तान अपनी तबाही की इबारत खुद लिख रहा है, ये हम नहीं कह रहे हैं. सालों पहले मुख्तार अब्बास नकवी ये बात कह चुके हैं और अब ऐसा लग रहा है कि यह बात सच हो रही है. अब पाकिस्तान सरकार इस आर्थिक संकट से बचने के लिए मौलानाओं की शरण में जा चुकी है. आइए जानते हैं वहां के वित्त मंत्री ने क्या कहा है?
Pakistan financial crisis: पाकिस्तान आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और ऐसे में चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश भी मदद करने से दूर हट चुके हैं. वहीं विदेशी कर्ज की वजह से दिनोंदिन विदेशी मुद्रा भंडार कम होता जा रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ IMF से कर्ज लेने के लिए दुनिया के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं. इसके अलावा वहां राजनीतिक खेल अभी भी बंद होने का नाम नहीं ले रहा है. वहां के वित्त मंत्री इशाक डार ने कह दिया है कि अल्लाह पाकिस्तान का निर्माण कर सकता है तो वह हमारी रक्षा भी करेगा. इसके अलावा अब देश को आर्थिक तबाही से बचाने के लिए वित्त मंत्री मौलानाओं की शरण में पहुंच चुके हैं.
पाकिस्तान सरकार मौलानाओं की शरण में!
पाकिस्तान के वित्तमंत्री इशाक डार वहां की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अब इस्लामिक सुकूक बॉन्ड जारी करने के बारे में प्लानिंग कर रहे हैं. उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वह इस मामले में उलेमा और इस्लामिक विद्वानों से राय लेंगे. उन्होंने स्टियरिंग कमिटी की अध्यक्षता करते हुए स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के इस्लामिक फाइनेंसिंग और ब्याज मुक्त सिस्टम की प्रशंसा की है और वे आशा जता रहे हैं कि इस्लामिक ब्याज मुक्त सिस्टम से वह सटीक अंजाम तक पहुंच जाएंगे.
इमरान सरकार की वजह से आया संकट
इशाक डार का कहना है कि इस गंभीर आर्थिक संकट की वजह इमरान खान सरकार है. उनका कहना है कि पाकिस्तान पर जो संकट आया है, उसके लिए इमरान सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने ये बयान ऐसे समय में दिया है जब पाकिस्तान का मुद्रा भंडार खत्म होता जा रहा है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने बयान में कहा है कि पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में 92.3 करोड़ डॉलर की कमी आ चुकी है. केंद्रीय बैंक के मुताबिक, 20 जनवरी को पाकिस्तान की केंद्रीय बैंक का कुल विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 3.67 अरब डॉलर था.
कर्ज के चक्कर में हुआ ये हाल!
केंद्रीय बैंक ने अपने बयान में कहा है कि विदेशी मुद्रा भंडार में कमी होने की वजह बाहरी कर्ज है. इस बयान में कहा गया है कि कमर्शियल बैंकों के पास शुद्ध विदेशी मुद्रा भंडार 5.77 अरब डॉलर है. इस बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी आरोप लगाना शुरू कर दिए हैं. उन्होंने कहा है कि इमरान सरकार की वजह से कई प्रोजेक्ट अधर में लटक हुए हैं. पाकिस्तान सरकार अब IMF की तरफ आंख गड़ा कर बैठा हुआ है.
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