Pakistan reaction on Rajnath Singh LoC crossing statement: भविष्य में जरूरत पड़ने पर 'LoC पार करने' वाले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान से पाकिस्तान बुरी तरह तिलमिला गया है. उसने राजनाथ सिंह की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे ‘युद्ध भड़काने वाली बयानबाजी’ बताया है और कहा कि इससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को खतरा पैदा होता है. 


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'जरूरत पड़ी तो एलओसी पार भी जाएंगे'


कारगिल विजय दिवस की 24वीं जयंती (Kargil Vijay Diwas) पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किए थे. वहां मौजूद सैनिकों और पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा था कि भारत अपना सम्मान और प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए जरूरत पड़ी तो नियंत्रण रेखा (LoC) पार करने से भी नहीं हिचकेगा. उन्होंने कहा था कि देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. 


राजनाथ सिंह ने कहा, 'हम देश का सम्मान और प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. अगर इसके लिए एलओसी (LoC) पार करना हो, तो हम वह भी करने के लिए तैयार हैं. अगर हमें उकसाया गया और जरूरत पड़ी तो हम एलओसी को पार कर जाएंगे.’ 


'भारत पर जबरन थोपा गया कारगिल युद्ध'


उन्होंने कहा था, ‘करगिल युद्ध भारत पर थोपा गया था. जिस वक्त भारत, पाकिस्तान के साथ बातचीत के जरिए मुद्दों की सुलझाने की कोशिश कर रहा था. पाकिस्तान ने हमारी पीठ में छुरा भोंक दिया.’ उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को ‘राष्ट्र के दुश्मनों’ का खात्मा करने के लिए खुली छूट दी गई है और वे ऐसे दु्श्मनों को अपने तरीके से ठिकाने लगा रहे हैं. 



'हिंदुस्तान की बयानबाजी शांति के लिए खतरा'


सिंह (Rajnath Singh) की इस बेबाक टिप्पणी से पाकिस्तान (Pakistan) बुरी तरह तिलमिला गया. गुरुवार को पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान किसी भी आक्रामकता के खिलाफ अपनी रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है. बयान में कहा गया, ‘हम भारत को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह देते हैं क्योंकि उसकी आक्रामक बयानबाजी क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा है और दक्षिण एशिया में रणनीतिक माहौल को अस्थिर करने वाली है.’


पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, यह पहली बार नहीं है कि भारत के नेताओं और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान के बारे में अत्यधिक गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी की है. पाकिस्तान इसे पूरी तरह खारिज कर देता है और अपनी रक्षा के सभी उपाय बरतने का अधिकार सुरक्षित रखता है. 


दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंध


बताते चलें कि कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान (Pakistan) से होने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं. मोदी सरकार ने पाकिस्तान को करारा झटका देते हुए 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को निरस्त करके जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था. साथ ही उसे दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. जिसके बाद से दोनों देशों के बीच संबंध और खराब हो गए. 


(इनपुट एजेंसी)