Pakistan News: इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) के आदेश के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अपील पर पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा. आईएचसी ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले को किसी अन्य अदालत में ट्रांसफर करने की जेल में बंद खान की याचिका खारिज कर दी थी.


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आईएचसी ने चार अगस्त को अपने फैसले में तोशाखाना मामले को ट्रांसफर करने की याचिका को खारिज कर दिया और मामले को इस्लामाबाद स्थित सत्र अदालत के न्यायाधीश हुमायूं दिलावर को वापस भेज दिया. अदालत ने फैसला सुनाया था कि समान मामलों में हाई कोर्ट के फैसलों के अनुसार, किसी मामले को ठोस कारणों के आधार  पर ही वैकल्पिक अदालत में स्थानांतरित किया जा सकता है.


अदालत ने आदेश दिया कि न्यायाधीश दिलावर इस मामले की सुनवाई करेंगे जिन्होंने अगले ही दिन सुनवाई की और खान को दोषी ठहराते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई.


चीफ जस्टिक की अध्यक्षता में पीठ करेगी सुनवाई
खान ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी और अंततः मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ अपील पर सुनवाई करेगी.पीठ में न्यायमूर्ति सैय्यद मजाहिर अली अकबर नकवी और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखेल शामिल हैं.


खान ने शीर्ष अदालत से इस याचिका को मुख्य न्यायाधीश अमीर फारूक की अगुवाई वाली इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा चार अगस्त को पारित आदेश के खिलाफ अपील में बदलने का आग्रह किया.उन्होंने दलील दी कि यह फैसला कानूनन उचित नहीं था और यह आदेश उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए पारित किया गया था।


इस बीच पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान का वक्त अटक जेल में खासा मुश्किलों में गुजर रहा है. पीटीआई चीफ को कथित तौर पर एक छोटी सी कोठरी में रखा गया है, जहां सीसीटीवी कैमरे से उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. जेल में वह किन परिस्थितियों में रह रहे हैं इसका निरीक्षण करेने के लिए एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने जेल का दौरा भी किया.


डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुताबिक न्यायाधीश ने अपनी रिपोर्ट में खान की चिंताओं को 'वास्तविक' बताया. उन्होंने कहा, 'सीसीटीवी (क्लोज सर्किट टीवी) कैमरे की उपस्थिति के कारण अटक जेल में अपने जेल सेल के शौचालय सुविधाओं के आसपास प्राइवेसी की कमी के बारे में कैद पीटीआई प्रमुख इमरान खान की 'गंभीर चिंता' 'वास्तविक' है और जेल नियमों के उल्लंघन की ओर इशारा करती है.