Conflict Between India and Pakistan: पाकिस्तान की माली हालत किसी से छुपी नहीं है, वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान हाथ में कटोरा लिए मदद की गुहार लगाते रहता है. हाथ में कटोरा लेने वाली बात को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी कबूल किया है. आपको बता दें कि मोदी सरकार ने भी पाकिस्तान के खिलाफ एक कड़ी कार्रवाई की है जिसके 4 महीने बाद पाकिस्तान से उसका जवाब आया है. भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सिंधु जल संधि को लेकर एक नोटिस जारी किया है. यह नोटिस साल 2023 के जनवरी महीने में पाकिस्तान को दिया गया था. इसका जवाब पड़ोसी मुल्क ने अब दिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सिंधु जल संधि का उल्लंघन करने पर पाकिस्तान को नोटिस


सिंधु जल संधि के आर्टिकल IX का उल्लंघन करने पर भारत ने पाकिस्तान को जनवरी महीने में नोटिस पकड़ाया था. पाक विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने हफ्ते की ब्रीफिंग में इस पर जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सिंधु जल संधि के लिए प्रतिबद्ध है. नोटिस रिसीव करने के 3 महीने के भीतर पाकिस्तान को आपत्ति दर्ज करानी थी लेकिन अब 4 महीने हो चुके हैं तब जाकर पड़ोसी मुल्क का जवाब आया है. पाकिस्तान के कमिश्नर ने अपने समकक्ष को नोटिस का जवाब दिया है.


क्या है सिंधु जल संधि समझौता?


भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी का बंटवारा किस तरह से नियंत्रित किया जाएगा, सिंधु जल संधि समझौता इसी को निर्धारित करता है. साल 1960 में हुए इस जल समझौते पर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान मिलिट्री जनरल अयूब खान ने दस्तखत किया था. इस समझौते में वर्ल्ड बैंक में शामिल है.


इसलिए मिला पाक को नोटिस


आपको बता दें कि सिंधु घाटी के पूर्वी नदियों पर भारत का अधिकार क्षेत्र है. वहीं कुछ विषेश नियमों के साथ पश्चिमी नदियों पर भी भारत को पनबिजली उत्पन्न करने का अधिकार दिया गया है. इस पर आपत्ति जताते हुए पाकिस्तान ने तटस्थ विशेषज्ञ की मांग की थी. इसके बाद अचानक से पाकिस्तान मध्यस्थ कोर्ट की मांग करने लगा और इसी एकतरफा कार्रवाई की वजह से समझौते के आर्टिकल IX का उल्लंघन हुआ है जिसके लिए उसे नोटिस दिया गया है.


भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - अब किसी और की ज़रूरत नहीं