करोड़ों साल पुराने डायनासोर के जीवाश्म अंडे में मिला भ्रूण, स्कैनिंग से सामने आई हैरान करने वाली बात
डायनासोर के एक जीवाश्म अंडे को संभालकर कर रखा हुआ था. अब जब उसकी स्कैनिंग हुई तो चौंकाने वाली बात सामने आई. अंडे के अंदर एक भ्रूण था.
नई दिल्ली: चीन में डायनासोर के अंडे जीवाश्म के रूप में मिले थे जिन्हें प्रिजर्व करके रखा हुआ था. अब जब उनकी स्कैनिंग की गई तो हैरान कर देने वाला मामला सामने आया. स्कैनिंग के बाद सामने आया कि अंडे के अंदर एक भ्रूण था. ये भ्रूण 6.6 करोड़ साल पहले का बताया जा रहा है.
संरक्षित डायनासोर भ्रूण की खोज
Daily Star की खबर के अनुसार, एक पूरी तरह से संरक्षित डायनासोर भ्रूण की खोज की गई है. यह भ्रूण जीवाश्म अंडे के अंदर पूरी तरह से संरक्षित है जो लगभग 66 मिलियन साल पुराना है.
चीन में मिला था ये जीवाश्म
जीवाश्म के बारे में माना जाता है कि ये चीन के Ganzhou में पाया गया था. यह एक टूथलेस थेरोपोड से संबंधित था जिसे ओविराप्टोरोसॉर भी कहा जाता है.
अंडे से डायनासोर के बच्चा निकलने ही वाला था कि...
इस जीवाश्म को 'बेबी यिंगलियांग' उपनाम दिया गया है. इस अंडे से बच्चा निकलने ही वाला कि अचानक ऐसा कुछ हुआ कि ये जीवाश्म के रूप में जमीन में दब गया.
इतिहास में पाए गए सबसे अच्छे डायनासोर भ्रूण में से एक
बर्मिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ता फियोन वैसम मा ने बताया कि यह इतिहास में पाए गए सबसे अच्छे डायनासोर भ्रूण में से एक है. डायनासोर भ्रूण कुछ दुर्लभ जीवाश्म हैं और उनमें से अधिकांश हड्डियों के न बनने से अधूरे हैं.
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डायनासोर के बारे में बहुत से सवालों के मिलेंगे जवाब
शोधकर्ता ने ये भी बताया कि हम बेबी यिंगलियांग की खोज से बहुत उत्साहित हैं. यह एक महान खोज है जो हमें इसके साथ डायनासोर के विकास और प्रजनन के बारे में बहुत सारे सवालों के जवाब देने में मदद करता है.
इस जीवाश्म का इतिहास बहुत ज्यादा स्पष्ट नहीं है. इसे लियांग लियू ने वर्ष 2000 के आसपास खरीदा था. उसके बाद करीब 10 साल पहले ये Yingliang Stone Nature History Museum में रखा गया. ये सरंक्षित किए गए कई अंडों में से एक है. अब भ्रूण के अंदर पूरी तरह से कंकाल की इमेज बनाने के लिए नई स्कैनिंग तकनीक का प्रयोग किया जाएगा क्योंकि इसका काफी हिस्सा अभी भी चट्टान से घिरा हुआ है.
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के स्टीव ब्रुसेट ने लिखा है कि यह छोटा जन्म पूर्व डायनासोर अपने अंडे में पक्षियों के बच्चे की तरह दिखता है जो अभी भी इस बात का सबूत है कि आज के पक्षियों की कई विशेषताएं उनके डायनासोर पूर्वजों से विकसित हुई हैं.
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