नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बीते शनिवार (24 अगस्त) को कश्मीर के दौरे पर गए थे. इस दौरान राहुल गांधी समेत 11 अन्य विपक्षी नेताओं को श्रीनगर (Srinagar) हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया गया था. वहीं, राहुल गांधी ने रविवार को एक ट्वीट किया. गांधी ने ट्वीट में लिखा कि जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के लोगों की स्वतंत्रता और नागरिक आजादी पर अंकुश लगाए हुए 20 दिन हो गए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस बयान के सामने आने के बाद से ही वह पाकिस्तानी मीडिया (Pakistan) के पोस्टर ब्वॉय बन गए है. पाकिस्तानी मीडिया में उनका यह बयान सुर्खियों में छाया हुआ है और उनके इस बयान को हाथोंहाथ लिया जा रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 


फोटो साभार: DAWN

राहुल गांधी ने ट्वीट में आगे लिखा कि विपक्ष और प्रेस को जम्मू कश्मीर का दौरा करने की कोशिश करने के दौरान अहसास हुआ कि राज्य के लोगों पर कठोर बल प्रयोग और प्रशासनिक क्रूरता की जा रही है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं और प्रेस को जम्मू-कश्मीर में प्रशासनिक क्रूरता का अहसास हुआ. गौरतलब है कि राहुल गांधी समेत विपक्ष के 11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल शनिवार को घाटी का दौरा करने श्रीनगर पहुंचा था. हालांकि, प्रशासन के अधिकारियों ने नेताओं को इसकी अनुमति नहीं दी और वापस भेज दिया. 


 



राहुल गांधी ने अपनी ट्वीट के साथ एक वीडियो भी पोस्ट किया है. इस वीडियो में राहुल अधिकारियों से कहते दिख रहे हैं कि वह राज्यपाल के बुलावे पर श्रीनगर आए हैं. वीडियो में वह सुझाव देते नजर आ रहे हैं कि उन्हें समूह में नहीं बल्कि व्यक्तिगत रूप से घाटी का दौरा करने दिया जाए. राहुल गांधी ने वीडियो के जरिये आरोप लगाया कि प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी की गई, इससे स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य नहीं है.


 



वहीं, इस मामले पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अभी राहुल गांधी की यहां कोई जरूरत नहीं है. उनकी जरूरत यहां तब थी, जब उनके सहयोगी संसद में बोल रहे थे. अगर वह स्थिति को बिगाड़ना चाहते हैं और यहां आकर दिल्ली में उनके द्वारा बताए गए झूठ को दोहराना चाहते हैं, तो यह अच्छा नहीं है. 


सूबे के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि मैंने राहुल गांधी को सद्भावना से आमंत्रित किया था लेकिन, उन्होंने राजनीति करना शुरू कर दिया. सत्यपाल मलिक ने कहा कि यह इन लोगों द्वारा राजनीतिक कार्रवाई के अलावा कुछ नहीं था. राजनीतिक पार्टियों को इस समय में राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखना चाहिए. गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A को निष्प्रभावी कर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का निर्णय लिया था.  


कांग्रेस नेताओं की इस यात्रा पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से कहा गया था कि सभी नेताओं से निवेदन है कि वह अभी श्रीनगर के दौरे से बचें. उनके कारण यहां पर लोगों को भी दिक्कतें हो सकती हैं. अभी भी कई क्षेत्रों में कुछ पाबंदियां हैं. वहीं, बीजेपी नेता मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि पॉलिटिकल पर्यटन बंद करना चाहिए. जम्‍मू और कश्‍मीर के लोग विश्वास के साथ बढ़ रहे हैं. आप अलगाववादियों को खुश करने के लिए ऐसा कर रहे हैं. पॉलिटिकल पर्यटन से कोई फायदा नहीं होगा.