मुश्किल वक्त में PAK के लिए राहत भरी खबर, TB और मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के लिए मिले 80 अरब रुपये
Pakistan News: राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्री अब्दुल कादिर पटेल ने कहा कि इस अनुदान से सरकार देश से बीमारियों को खत्म करने के उद्देश्य से देश में मलेरिया और टीबी नियंत्रण कार्यक्रम को और मजबूत करेगी.
Pakistan Health Services: एड्स, तपेदिक और मलेरिया से लड़ने के लिए बने वैश्विक कोष (GFATM) ने पाकिस्तान में टीबी (Tuberculosis) और मलेरिया (GFATM) नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 282 मिलियन डॉलर (80,94,78,74,400.00 PKR ) के अनुदान को मंजूरी दी है. Samaa Tv की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, ग्लोबल फंड की तकनीकी समीक्षा समिति से मंजूरी के बाद पाकिस्तान के लिए अनुदान मंजूर किया गया.
इस अवसर पर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्री अब्दुल कादिर पटेल ने सामान्य प्रबंधन इकाई और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के अधिकारियों के टीम वर्क की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस अनुदान से सरकार देश से बीमारियों को खत्म करने के उद्देश्य से देश में मलेरिया और टीबी नियंत्रण कार्यक्रम को और मजबूत करेगी.
'यह एक बड़ी उपलब्धि है'
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्री ने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि 2003 के बाद यह पहली बार है जब ग्लोबल फंड की पहली विंडो के दौरान अनुदान के लिए पाकिस्तान के अनुरोध को मंजूरी दी गई थी. उन्होंने पाकिस्तान के लिए इस अनुदान को मंजूरी देने के लिए ग्लोबल फंड टीम का धन्यवाद किया.
अब्दुल कादिर पटेल ने इस अनुदान को प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए UNAIDS, WHO, UNICEF और USAID सहित दानदाताओं को भी धन्यवाद दिया.उन्होंने कहा कि सरकार सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके नागरिकों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
आर्थिक संकट में फंसा है पाकिस्तान
गौरतलब है कि पाकिस्तान के लिए फंड मिलना वास्तव में एक बड़ी राहत की बात है. पाकिस्तान इस समय भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है. महंगाई दर आसमान छू रही है. उम्मीद की जानी चाहिए कि इस फंड का पाकिस्तान सरकार सही जगह पर प्रयोग कर मलेरिया और टीबी नियंत्रण कार्यक्रम को मजबूत करेगा.
बता दें आर्थिक बदहाली से निकलने के लिए पाकिस्तान की एकमात्र उम्मीद थी अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से लोन की ताजा किश्त मिल जाने पर टिकी थी लेकिन तमान कोशिशों के बाद पाकिस्तान यह किश्त पाने में अब तक नाकाम रहा है.
आईमएफ से मदद न मिल पाने के लिए पाकिस्तान पर डिफॉल्ट होने का खतरा मंडराने लगा है. पाकिस्तान पर चीन का 30 अरब डॉलर का कर्ज है. इसके अलावा उसने सऊदी अरब और यूएई समेत कई देशों से कर्ज ले रखा है.