Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा और खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पाकिस्तान में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को इन दोनों पूर्व अफसरों को नोटिस जारी किया है. 


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दरअसल मीडिया इंटरव्यू के दौरान फैक्ट्स को गलत तरह पेश कर रिटायर्ड सैनिकों के लिए तय कानूनों का उल्लंघन करने के मामले में इन दोनों को नोटिस भेजा गया है. अदालत ने एक नागरिक की ओर से दोनों पूर्व वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के अनुरोध वाली याचिका पर नोटिस जारी किए. 


पेमरा को भी जारी हुआ नोटिस


हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आमिर फारूक ने पत्रकार जावेद चौधरी और शाहिद मैतला और मीडिया नियामक निगरानी संस्था 'पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी' (पेमरा) को भी नोटिस जारी किया है. इस साल की शुरुआत में, पूर्व सेना प्रमुख ने दो पत्रकारों के साथ इंटरव्यू के दौरान जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान को कथित तौर पर सत्ता से बाहर करने के अलावा नागरिक-सैन्य संबंधों और अन्य मुद्दों सहित विभिन्न मामलों पर चर्चा की थी. 


इन पत्रकारों ने चर्चा के आधार आर्टिकल लिखे और टीवी चैनलों की बहस में हिस्सा लिया. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इन चीजों से समाज पर नेगेटिव असर पड़ा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में एक क्रिमिनल एक्ट को अंजाम दिया गया.


NAB की रडार पर हैं नवाज शरीफ


दूसरी ओर, पाकिस्तान का नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के कम से कम चार मामलों में फिर से जांच शुरू करेगी. शरीफ ब्रिटेन में चार साल के स्व-निर्वासन के बाद अगले महीने स्वदेश लौटेंगे. पीएमएल-एन चीफ नवाज शरीफ पार्टी के चुनाव अभियान की अगुआई करने के लिए 21 अक्टूबर को लंदन से पाकिस्तान लौटेंगे.


 लाहौर हाई कोर्ट ने उनको चार सप्ताह के लिए जमानत दी थी, जिसके बाद वह नवंबर 2019 में चिकित्सा आधार पर देश से बाहर चले गए थे. वह अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में कोट लखपत जेल लाहौर में सात साल कैद की सजा काट रहे थे.


एनएबी सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के मद्देनजर इन मामलों की जांच फिर से शुरू करेगा जिसमें नवाज के छोटे भाई शहबाज शरीफ की अगुआई वाली पिछली पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार की ओर से जवाबदेही कानूनों में किए गए संशोधनों को रद्द कर दिया गया था. ये मामले अवैध भूखंडों और भूमि आवंटन, उनकी चीनी मिलों के शेयरों के संदिग्ध हस्तांतरण और तोशाखाना से संबंधित हैं.