Pakistan News: पाकिस्तान की आर्थिक हालत बिगड़ती जा रही है. ऐसा लगता है कि आईएमएफ से आर्थिक मदद मिलने के बाद परिस्थितियों में बहुत बदलाव होते नहीं दिख रहा है. शायद यही वजह है कि अब कुछ सख्त फैसले लिए जा रहे हैं. पाकिस्तान सरकार ने अब इस्लामाबाद हाइकोर्ट को आउटसोर्स करने का फैसला किया है.


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मीडिया रिपोट्स के मुताबिक पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने इस्लामाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईआईए) के हितधारकों से कहा है कि वे 12 अगस्त तक हवाई अड्डे के संचालन को आउटसोर्स करें. 12 अगस्त मौजूदा शहबाज़ शरीफ सरकार के कार्यकाल का अंतिम दिन है. डार ने शनिवार को एयरपोर्ट के संचालन की आउटसोर्सिंग की प्रगति का आकलन करने के लिए संचालन समिति की एक बैठक की अध्यक्षता की.


डार ने तय की समय सीमा
इस बैठक के दौरान, इशाक डार ने नागरिक उड्डयन कानूनों में संशोधन और देश के राष्ट्रीय वाहक पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के पुनर्गठन की योजना को अंतिम रूप देने के लिए संबंधित विभागों को एक समय सीमा भी दी.


मीडिया रिपोट्स के मुताबिक पाकिस्तानी कैबिनेट मंत्री ने जुलाई के अंत तक इन संशोधनों पर संसद की मंजूरी लेने पर भी जोर दिया.


यदि जुलाई के अंत तक पाकिस्तानी नागरिक उड्डयन कानूनों में संशोधन को मंजूरी मिल जाती है, तो वैश्विक विमानन नियामक अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के लिए पीआईए की उड़ानों को बहाल करने के लिए आवश्यक परिचालन प्रणालियों और मानकों के ऑन-ग्राउंड मूल्यांकन के लिए अगस्त में टीम भेज सकते हैं. जुलाई की समय सीमा को पूरा करने में विफलता के कारण निरीक्षण होने में एक साल की देरी हो सकती है.


नागरिक उड्डयन कानूनों में कुछ संशोधनों में पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण, पीआईए और हवाईअड्डा सुरक्षा बल को अलग करना शामिल है. इसका उद्देश्य अध्यादेश बनाकर इन संगठनों की ओवरलैपिंग जिम्मेदारियों को खत्म करना है.


भारी घाटे में पीआईए
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने पीआईए के पुनर्गठन और पुनर्जीवित करने के लिए एक बैठक भी गठित की. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस को इस साल के पहले तीन महीनों में 38 अरब रुपये का घाटा हुआ, जो 2022 की इसी अवधि की तुलना में 171 प्रतिशत अधिक है. चालू वर्ष के पहले तीन महीनों के दौरान पाकिस्तान के राष्ट्रीय वाहक ने केवल 61 अरब रुपये कमाए और 21 अरब रुपये का घाटा उठाया.


तीन प्रमुख हवाई अड्डो को आउटसोर्स करने का फैसला
इस साल मार्च में, पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने नकदी संकट से जूझ रहे देश के तीन प्रमुख हवाई अड्डों- कराची, लाहौर और इस्लामाबाद- और इन हवाई अड्डों पर भूमि संपत्ति को आउटसोर्स करने का फैसला किया। विदेशी मुद्रा उत्पन्न करने के लिए ये परिचालन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से चलाए जाएंगे.


बता दें नगदी संकट से जूझ रहे आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड द्वारा पाकिस्तान को नौ महीने की अवधि में 3 बिलियन डॉलर प्रदान करने की मंजूरी के बाद नकदी संकट से जूझ रहे देश को गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 1.2 बिलियन डॉलर प्राप्त हुए.