Pakistan Crisis: गहरे आर्थिक संकट की वजह से दुनिया भर के देशों के सामने भीख मांगने को मजबूर पाकिस्तान को अब उसके मित्र देश भी आंख दिखाने लगे हैं. दिलचस्प ये है कि पाकिस्तान के करीबी देश अब भारत के पक्ष में आवाज बुलंद करते नजर आ रहे हैं. पाकिस्तान के दोस्त कहे जाने वाले सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने शहबाज शरीफ सरकार को दो टुक कहा है कि वो कश्मीर को भूलकर विवाद को खत्म करे और भारत के आगे दोस्ती का हाथ बढ़ाए. भूखमरी के कागार पर पहुंच चुके पाकिस्तान के सामने यूएई और सऊदी अरब की बातों को मानने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आता. हालांकि, इन्हीं दोनों देशों का दबाव है जिसकी वजह से हाल ही में शहबाज शरीफ ने भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की बात कही थी.


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पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को विश्व के हरेक मंच पर उठाता रहा है और मुस्लिम देशों के संगठन आईओसी के मंच पर कश्मीर के मुद्दे को उठाकर इस्लामिक देशों को अपने पक्ष में करने में सफल भी रहा है. हालांकि, किसी भी देश ने कभी भी कश्मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ जाकर कुछ नहीं कहा. लेकिन अब बदले माहौल में आईओसी के सबसे प्रभावी देश सऊदी अरब ने पाकिस्तान को कश्मीर राग को खत्म करने के लिए कह दिया है. पाकिस्तान को कश्मीर से 370 के हटाए जाने के मुद्दे पर भी मुंह बंद करने को कहा गया है.


कश्मीर पर पाकिस्तान के खिलाफ क्यों इस्लामिक देश?


अब सवाल उठता है कि यूएई और सऊदी अरब, अचानक कश्मीर के हितैशी कैसे बन गए हैं? इस सवाल का जवाब है बिजनेस, जो यूएई और सऊदी अरब, कश्मीर में करने जा रहा है. दरअसल, यूएई कश्मीर में बड़े पैमाने पर इनवेस्टमेंट करने की तैयारी में है और इसलिए वो कश्मीर में कोई उथल-पुथल नहीं चाहता है. यही कारण है कि उसने पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे को भूलकर भारत के साथ दोस्ती करने को कहा है.


सऊदी अरब ने कह दिया है कि वो कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ नहीं देगा. कश्मीर से सटे पीओके में भी पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद होते दिख रहे हैं. वहां की आवाम लगातार पाकिस्तान सरकार के खिलाफ सड़कों पर आंदोलनरत है. वहां के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार उनकी मांगों और जरूरतों को पूरा करने में विफल रही है ऐसे में उनके लिए भारत के दरवाजे खोल दिए जाएं. पाकिस्तान के लिए ये उलझन की स्थिति है कि वो भूखे मर रहे लोगों के लिए इंतजाम करे या फिर कश्मीर के मुद्दे पर अड़ा रहे.


भारत के साथ रिश्ते मजबूत


यूएई और सऊदी अरब के साथ भारत के रिश्ते काफी मजबूत हो गए हैं. भारत चाहता है कि ये दोनों देश बड़े स्तर पर इनवेस्ट करें. इधर, दोनों इस्लामिक देश भी तेल के कुंए से बाहर निकलकर अपने व्यापार के दरवाजों को अन्य क्षेत्रों की तरफ खोलना चाहते हैं. वो अन्य क्षेत्रों में इनवेस्ट करके पैसा कमाना चाहते हैं. यही कारण है कि कश्मीर में इनवेस्टमेंट को लेकर हुई बैठक में यूएई और सऊदी अरब शामिल हुए थे. साथ ही दोनों देशों ने यहां पैसा लगाने के लिए तैयार दिखे थे. इस बैठक की वजह से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा था. लेकिन दोनों इस्लामिक देशों ने पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर की मदद कर चुके हैं. ऐसे में दाने-दाने को मोहताज पाकिस्तान फिलहाल इस स्थिति में नहीं है कि वो इन दोनों देशों की बात को दरकिनार कर सके.


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