इस्लामाबाद : संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के वली अहद (युवराज) ज़ायद-अल-नाहियान रविवार को पाकिस्तान आ रहे हैं और इस यात्रा में वह मेजबान देश को अरबों डालर की ऋण सहायता की घोषणा कर सकते हैं. अल-नाहियान के आने से पहले दोनों पक्ष पाकिस्तान को यूएई की ओर से 6.2 अरब अमेरिकी डालर के वित्तीय सहायता पैकेज की शर्तों को अंतिम रूप दे चुके हैं. उम्मीद है कि यूएई के वली अहद यात्रा के दौरान इस पैकेज की घोषणा करेंगे. पाकिस्तान को अपने विदेशी मुद्रा भंडार और राजकोषीय स्थिति को सुधारने के लिए धन की सख्त जरूरत है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से भी 8 अरब अमेरिकी डॉलर की कर्ज सहायता के लिए बातचीत कर रहा है. यूएई अपने सहायता पैकेज में पाकिस्तान को 3 अरब अमेरिकी डॉलर की नकद जमा देने के साथ साथ 3.2 अरब अमेरिकी डालर के तेल की आपूर्ति उधार पर करने सुविधा दे सकता है. पाकिस्तान के डॉन अखबार ने देश के एक केंद्रीय मंत्री के हवाले से यह खबर दी है.


खबर में मंत्री के हवाले से कहा गया है कि यूएई के सहायता पैकेज की शर्तें सऊदी अरब से प्राप्त पैकेज की शर्तों जैसी ही हैं. पाकिस्तान को उसके घनिष्ठ मित्र चीन से मोटी मदद मिल रही है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन की सहायता राशि नहीं बतायी है. उन्होंने कहा है कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने उन्हें राशि सार्वजनिक करने से मना किया है.


पाकिस्तान मुद्राकोष से ऋण की बात तो कर रहा है पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प यह सुनिश्चत करना चाहते हैं कि इस बहुपक्षीय संस्था से कर्ज में मिले धन का प्रयोग पाकिस्तान चीन के महंगे कर्ज को चुकाने में ना करे. अमेरिका का मानना है कि चीन के ऋण भार के चलते ही पाकिस्तान आर्थिक कठिनाइयों में फंसा है.


तुर्की के दौरे पर निकले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान
इस्लामाबाद : प्रधानमंत्री इमरान खान तुर्की के दो दिवसीय दौरे के लिए गुरुवार को रवाना हुए. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के निमंत्रण पर वह यह दौरा कर रहे हैं. रेडियो पाकिस्तान की खबर के मुताबिक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, वित्त मंत्री असद उमर, योजना मंत्री मखदूम खुसरो बख्तयार एवं अन्य समेत एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी खान के साथ गया है.


दौरे में वह तुर्की के राष्ट्रपति से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न मुद्दों के साथ ही क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा वह व्यापारियों एवं कारोबारियों से भी बातचीत करेंगे. उनके इस दौरे से दोनों देशों के बीच सहयोग एवं साझेदारी के, खासकर आर्थिक, व्यापार एवं व्यावसायिक संबंधों के नये आयामों को तलाशने में मदद मिलेगी.