Xi Jinping to PLA: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को युद्ध लड़ने और जीतने की तैयारी रखने का आदेश दिया है. जिनपिंग ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने अस्थिरता का खतरा बढ़ने की बात कहते हुए सेना को क्षमता बढ़ाने को लेकर अपनी पूरी ताकत लगाने का आदेश दिया है. जिनपिंग (69) ने रिकॉर्ड तीसरी बार पांच साल के लिए सेना का नेतृत्व संभाला है. उन्हें पिछले महीने  कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की कांग्रेस में अभूतपूर्व तरीके से पांच साल के तीसरे कार्यकाल के लिए फिर सीपीसी का महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. सीपीसी, पीएलए की सर्वोच्च कमान है. पार्टी अध्यक्ष, सेना प्रमुख और देश के राष्ट्रपति जैसे तीन सबसे शक्तिशाली पदों पर बैठे जिनपिंग पार्टी संस्थापक माओत्से तुंग के बाद एकमात्र ऐसे नेता हैं जो 10 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद भी पद पर रहेंगे.


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कमान सेंटर पहुंचे जिनपिंग


जिनपिंग ने मंगलवार को यहां सीएमसी के संयुक्त अभियान कमान केंद्र का मुआयना किया जो सीपीसी केंद्रीय समिति की रणनीतिक कमान और सीएमसी को अहम सहयोग देती है. सरकारी मीडिया की खबर के अनुसार कमान सेंटर पहुंचने के बाद राष्ट्रपति को अधिकारियों ने यहां के बारे में जानकारी दी. बीस लाख से ज्यादा अफसरों और जवानों वाली चीन की आर्मी दुनिया की सबसे बड़ी सेना है. अपने नये कार्यकाल में पहले संबोधन में सेना से जिनपिंग ने कहा कि दुनिया ऐसे बदलावों से गुजर रही है जो पिछली एक सदी में नहीं देखे गए. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ती अस्थिरता एवं अनिश्चितता के खतरे का सामना कर रही है और सेना के सामने मुश्किल काम है.


चीन की सेना को दिया मंत्र


समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि पूरी सेना को अपनी सारी ताकत युद्ध की तैयारी, जंग लड़ने, जीतने की क्षमता बढ़ाने और प्रभावी तरीके से अपने मिशनों और कामों को पूरा करने में लगा देनी चाहिए. खबर के मुताबिक जिनपिंग ने कहा कि राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास के हितों की दृढ़ता से सुरक्षा करें और पार्टी व जनता की ओर से दिए विभिन्न कामों को पूरा करें.


राष्ट्रपति ने अपने भाषण में किसी देश विशेष का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका यह बयान संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक सैन्य गतिविधियों को लेकर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चिंता के बीच आया है. उधर चीन और भारत की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से गतिरोध जारी है.


चीन के कई देशों से विवाद


चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे क्षेत्र पर अपना दावा करता है, वहीं ताइवान, फिलीपीन, ब्रूनेई, मलेशिया और वियतनाम दक्षिण चीन सागर के हिस्सों पर अपने-अपने दावे रखते हैं. बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य परिसर बनाये हैं. उसका पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ क्षेत्रीय विवाद भी है. चिनफिंग ने कहा कि सैन्य नेतृत्व को 2027 तक पीएलए को वर्ल्ड क्लास सेना बनाने के लक्ष्य को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए जिसका मोटा-मोटा मतलब इसे अमेरिकी सशस्त्र बलों के जैसा बनाने से लगाया जा रहा है.


(इनपुट- PTI)


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