Weather Update: जब 36 साल बाद आसमान से बरसी कयामत! क्या आंकड़ों ने दिया महाविनाश का संकेत?
Weather Update: मई में मानो पूरे देश में आसमान से आग बरस रही थी. देश का बड़ा हिस्सा प्रचंड गर्मी से घिर गया था. अब मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों से पता चला है कि बीती मई का महीना बीते 36 सालों में सबसे गर्म माह दर्ज हुआ. इस दौरान देश के कुछ हिस्सों में पारे के 50 डिग्री सेल्सियस के नजदीक पहुंचने की खबरें आईं. इसी साल अप्रैल और मई दोनों में सर्वाधिक अधिकतम तापमान अधिक दर्ज किया गया. देशभर के कई मौसम केंद्रों पर अधिकतम तापमान के पूरे रिकॉर्ड टूट गए. मई के महीने में इतनी मौतें तो शायद इससे पहले नहीं हुईं होंगी. ये भी पढ़ें- PM Modi Oath Ceremony: शपथ लेते ही पहला काम क्या करेंगे मोदी के मंत्री, प्रधानमंत्री ने बता दी पते की बात
2004 के बाद किसी भी चुनावी साल में सूरज ने आसमान से इतनी आग नहीं उगली होगी. आईएमडी डेटा से पता चलता है कि कई स्टेशनों ने मई में पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए. 31 मई को, अलवर में 46.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इसका चौथा सबसे अधिक तापमान था. उसी दिन, बिलासपुर में 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मई में अब तक का पांचवां उच्चतम अधिकतम तापमान था, जबकि बुलंदशहर में 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मई में अब तक का दूसरा सबसे अधिक तापमान था.
यहां तक कि हिल स्टेशन देहरादून में भी हाल ही में 43.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ, जो मई में तीसरा सबसे अधिक अधिकतम तापमान था. शुरुआती गर्मियों के दौरान दक्षिण भारत के शहरों में प्रचंड गर्मी का अहसास हुआ, लेकिन बाद के मौसम में, उत्तर में असहनीय गर्मी अधिक महसूस हुई.
IMD में मौसम विज्ञान के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि इस दौरान गर्मियों की शुरुआत में (मार्च से अप्रैल), महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में उच्च तापमान का अनुभव होता है क्योंकि सूर्य की स्थिति सीधे ऊपर की ओर होती है, जो उत्तर की ओर बढ़ने पर तीव्र सौर विकिरण प्रदान करती है.
गर्मियों के अंत (मई से जून) तक, सूरज लगभग सीधे उत्तरी भारत पर होता है, जिससे इन क्षेत्रों में काफी गर्मी होती है. आईएमडी के मासिक पूर्वानुमानों ने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि देश के अधिकांश हिस्सों में दिन का तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा.
प्रशासनिक अधिकारियों ने चुनाव में कम वोटिंग की वजह भी अत्यधिक गर्मी को बताया है.
इस वर्ष पूरे भारत में अप्रैल का औसत तापमान 35.6°C था.