Chandrayaan-3: कब दोबारा एक्टिव होगा विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर? ISRO ने शेयर की बड़ी जानकारी
आज चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर सोते रहेंगे. यह जानकारी इसरो के अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के डायरेक्टर नीलेश देसाई ने दी है. उन्होंने कहा कि पहले इन्हें 22 सितंबर 2023 को जगाने की योजना थी, लेकिन अब इसे 23 सितंबर को जगाया जाएगा.
विक्रम लैंडर एक्टिव
चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर आज 22 सितंबर 2023 को नहीं जागेंगे. वे अभी सो रहे हैं. इसरो वैज्ञानिक कल 23 सितंबर को उन्हें जगाने का प्रयास करेंगे. फिलहाल लैंडर-रोवर एक्टिव नहीं हैं. चांद पर सुबह हो चुकी है, लेकिन लैंडर और रोवर को अभी तक पर्याप्त एनर्जी नहीं मिली है. इसरो वैज्ञानिक चंद्रयान-3 से मिले डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं. पिछले 10 दिनों के डेटा में प्रज्ञान रोवर ने 105 मीटर की दूरी तय की है.
प्रज्ञान रोवर
प्रज्ञान रोवर से मिले डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है. इस डेटा से चांद की मिट्टी और चट्टानों की संरचना, पानी की स्थिति और मानव जीवन की संभावना के बारे में जानकारी मिल सकती है. रोवर अभी तक स्लीप मोड में था, क्योंकि चांद के दक्षिणी ध्रुवीय इलाके में तापमान माइनस 120 से माइनस 220 डिग्री सेल्सियस तक होता है. इस तापमान में यंत्रों का सर्किट बिगड़ सकता है.
चांद का तापमान
चांद के दक्षिणी ध्रुवीय इलाके में माइनस 120 से माइनस 220 डिग्री सेल्सियस तक तापमान होता है. इस तापमान का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर पर क्या असर हुआ है, यह चंद्रयान-3 के जगने के बाद ही पता चलेगा. इससे पहले आज अलसुबह यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के कोरोउ स्पेस स्टेशन से चंद्रयान-3 के लैंडर को लगातार संदेश भेजे जा रहे थे. लेकिन लैंडर की तरफ से जो प्रतिक्रिया मिल रही थी, वह कमजोर थी. इसका मतलब है कि लैंडर से उतनी ताकतवर रेडियो आवृत्ति नहीं आ रही थी, जितनी आनी चाहिए थी.
चंद्रयान-3
एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर स्कॉट टाइली ने दावा किया है कि चंद्रयान-3 के लैंडर से अभी तक कोई मजबूत सिग्नल नहीं मिला है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा है कि चंद्रयान-3 के चैनल पर 2268 मेगाहर्ट्ज का उत्सर्जन हो रहा है, जो कि एक कमजोर बैंड है. इसका मतलब है कि लैंडर से उतनी ताकतवर रेडियो आवृत्ति नहीं आ रही है, जितनी आनी चाहिए थी. स्कॉट ने इस बारे में कई ट्वीट्स किए हैं.
चांद पर सूरज की रोशनी
विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर जिस जगह है, वहां पर सूरज की रोशनी 13 डिग्री पर पड़ रही है. इस एंगल की शुरुआत 0 डिग्री से शुरू होकर 13 पर खत्म हो गई.