Photos: दिल्ली-NCR में धुंध की चादर, तापमान गिरकर पहुंचा 7 डिग्री; ट्रेनें और फ्लाइट्स हुईं लेट
Fog in Delhi-NCR: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज सुबह से ही घने कोहरे की चादर छाई रही. तापमान भी गिरकर सात डिग्री सेल्सियस रह गया. यह इस मौसम के औसत तापमान से लगभग एक डिग्री सेल्सियस कम है. दिल्ली में सफदरजंग, आनंद विहार और इंडिया गेट जैसे कई इलाकों में घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम रही. इससे पहले सोमवार को भी कोहरे की घनी चादर छाई रही थी और न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
14 ट्रेनें हुईं लेट
दिल्ली के मुख्य मौसम केंद्र सफदरजंग में तड़के साढ़े पांच बजे बजे विजिबिलिटी 200 मीटर दर्ज की गई. कोहरे के कारण 14 ट्रेन के आगमन में भी देरी हुई.
30 विमान प्रभावित
पालम में यह 100 मीटर थी. हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि कोहरे और कम विजिबिलिटी के कारण दिल्ली हवाई अड्डे पर लगभग 30 उड़ानों के संचालन में देरी हुई. इनमें अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शामिल हैं. 5 फ्लाइटों को दिल्ली से जयपुर डायवर्ट भी करना पड़ा.
पूरी दिल्ली में धुंध की चादर
दिल्ली के तापमान में ज्यादा गिरावट देखने को नहीं मिल रही है, लेकिन घना कोहरा लोगों को सताने लगा है. पूरी दिल्ली में आज घना कोहरा छाया रहा और कुछ इलाकों में विजिबिलिटी जीरो हो गई थी. दिल्ली के अलावा यूपी, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार समेत देश के कई राज्य भी घने कोहरे की चपेट में हैं.
एनसीआर में भी धुंध की चादर
दिल्ली के अलावा आसपास के इलाकों में भी बहुत घना कोहरा देखने को मिला. दिल्ली के अलावा नोएडा और गाजियाबाद में भी घने कोहरे की वजह से विजिबिलिटी कम हो गई. लोगों को सड़कों पर गाड़ी चलाने में दिक्कत का सामना करना पड़ा.
उत्तराखंड में कोहरे का येलो अलर्ट
उत्तराखंड में भी ठंड अपना कहर बरसा रही है. पहाड़ से लेकर मैदान तक हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है. लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ो के साथ ही अलाव का सहारा ले रहे हैं. मैदानी इलाकों की बात की जाए तो अगले दो दिन घना कोहरा छाया रहेगा। मौसम विभाग ने हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में 26 और 27 दिसंबर के लिए घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है. उत्तराखंड में नए साल की शुरुआत में बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है.
शीतलहर की चपेट में कश्मीर
श्रीनगर में आज सवेरा होता नहीं दिख रहा था और हर तरफ घना कोहरा छाया रहा. विजिबिलिटी 10 फीट हो गई थी और उसके आगे कुछ भी नहीं दिख रहा था. इस वजह से सड़क और हवाई दोनों यातायात प्रभावत हुआ. घाटी के लगभग सभी स्थानों पर रात का तापमान गिर गया और हर जगह तापमान शून्य ने नीचे दर्ज किया गया.