गुब्बारे-कपड़े, प्लास्टिक से बने नकली हथियार, सैनिक की जगह छात्र, फिर भी इस सेना ने युद्ध में मचा दिया कोहराम
Ghost Army WW2: जंग के मैदान में जीत के लिए देश अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं. लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध में एक आर्मी ऐसी भी थी जिसके सैनिकों के पास ना तो हथियार थे और ना उन्हें हथियार पकड़ना आता था. फिर भी इस आर्मी के जवानों ने युद्ध में कोहराम मचा दिया था.
Ghost Army Inflatable Tanks:
युद्ध में सेनाएं अत्याधुनिक हथियार, तोपें, मिसाइल और पारंगत सैनिकों के साथ उतरती हैं लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध में एक सेना ऐसी थी, जिसके हथियार भी नकली थे और सैनिक भी. फिर भी इस स्पेशल आर्मी ने दुश्मन को नाको चने चबाने पर मजबूर कर दिया. युद्ध में उतरी इस सेना से जुड़ा सीक्रेट युद्ध के 5 दशक बाद सामने आया. यह रहस्य था घोस्ट आर्मी का. युद्ध में उतरी इस सेना के पास ना हथियार थे और ना ही हथियार पकड़ने तक का अनुभव, फिर भी इस सेना ने दुश्मनों के होश ठिकाने लगा दिए.
अमेरिका ने उतारी थी धोखेबाजों की यह सेना
घोस्ट आर्मी (Ghost Army) के नाम से इस सेना को अमेरिका ने दुश्मन देशों को धोखा देने के लिए जंग के मैदान में उतारा था. इसे धोखेबाजों की सेना इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सेना मैदान में दुश्मनों को केवल मूर्ख बनाने के लिए ही उतारी गई थी. साथ ही इसे घोस्ट आर्मी कहा गया क्योंकि इसका असलियत से कोई लेना-देना ही नहीं था.
ना हथियार ना सैनिक
सेना की इस स्पेशल यूनिट में ना तो सैनिक थे ना हथियार. यहां सब कुछ नकली था. गुब्बारे से बने विशालकाय टैंक, बख्तरबंद गाड़ी और तमाम हथियार थे, जो सिर्फ दुश्मन को दिखाने और डराने के लिए थे. इसी तरह इनके पास सैनिकों की वर्दी में खड़े लोग भी असली सैनिक नहीं थे. बल्कि सैनिक बनने का नाटक कर रहे थे.
दूर से देखकर ही डर जाते थे दुश्मन
जंग के मैदान में इन नकली हथियारों का जलवा ऐसा था कि इनकी बड़ी संख्या देखकर दुश्मन डर जाते थे और जहां ये हथियार तैनात किए जाते थे, वहां दुश्मन आर्मी जाती ही नहीं थी.
महज 1100 सैनिक
इस घोस्ट आर्मी में महज 1100 लोग या सैनिक ही थे. लेकिन युद्ध के मैदान में इसका प्रदर्शन ऐसा था कि दुश्मन के होश ठिकाने लग गए थे. क्योंकि इस सेना के पास हर तरह के हथियार थे लेकिन वे या तो प्लास्टिक के बने थे या गुब्बारे के. इससे एक्सिस शक्तियां की सेना को लगता था कि सामने वाली सेना के पास कई तरह के पावरफ़ुल हथियार हैं.
खुफिया एजेंसी भी खा गईं चकमा
अमेरिका द्वारा उतारी गई यह घोस्ट आर्मी की तरकीबें और अनूठी रणनीतियां इतनी शानदार थीं कि इन्होंने पूरे युद्ध में दुश्मन को उलझाए रखा. इतना ही नहीं इस यूनिट ने इतने खुफिया तरीके से काम किया कि जर्मन सेना व अन्य खुफिया इकाइयों को कभी ये पता ही नहीं चला कि घोस्ट आर्मी के पास नकली हथियार हैं.
आर्मी के मार्च से ही दहशत में आ जाते थे दुश्मन
घोस्ट आर्मी के पास भले ही सारे नकली हथियार थे लेकिन जब भी जंग का ऐलान होता था तो इस आर्मी के 1100 सैनिक अत्याधुनिक और खूंखार दिखने वाले नकली हथियारों के साथ ऐसे मार्च करती थी कि दुश्मन दहशत में आ जाते थे. इतना ही नहीं सैनिक के तौर पर एक्टिंग कर रहे ये लोग ऐसे दहाड़कर युद्ध के लिए ललकारते थे कि दुश्मन की हवा निकल जाती थी.
घोस्ट आर्मी में छात्र भी किए गए थे भर्ती
घोस्ट आर्मी में केवल Allied Army के सैनिक ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन, अमेरिका, फ़्रांस और रूस विभिन्न आर्ट कॉलेजों के छात्रों को भी भर्ती किया गया था. वहीं इन नकली विस्फोटक वाहनों (टैंक, तोप, मशीन गन, वाहन) का निर्माण कलाकारों ने किया था. ये नकली हथियार और वाहन असली की तरह आवाजें भी निकालते थे.
50 साल बाद हुआ खुलासा
द्वितीय विश्व युद्ध के 50 साल बाद तक घोस्ट आर्मी को गुप्त रखा गया था. बाद में साल 2013 में अमेरिकी Public Broadcasting Service (PBS) टेलिविजन ने The Ghost Army नाम की एक डॉक्यूमेंट्री बनाकर इस बड़े रहस्य का खुलासा किया था.