Russia-Ukraine War: रूस के कब्जे वाले न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला कितना खतरनाक? सदमे में यूरोप!
Zaporizhzhia Nuclear Power Plant Attack: यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट जापोरीज्जिया पर हमले ने पूरे यूरोप को टेंशन में डाल दिया है. रूस (Russia) के कब्जे वाले इस न्यूक्लियर पावर प्लांट पर अटैक का आरोप यूक्रेन पर लगा है. संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने कहा है कि यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले जापोरीज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हुआ ड्रोन हमला एक गंभीर घटना है. इसने परमाणु सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है. आइए जानते हैं कि अगर हमले में न्यूक्लियर पावर प्लांट में ब्लास्ट हो जाता तो इसका क्या असर हो सकता था.
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के डीजी राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा कि इस प्रकार के हमलों से परमाणु दुर्घटना का खतरा बहुत बढ़ जाता है. इसको रोका जाना चाहिए. नवंबर, 2022 के बाद पहली बार, यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट को निशाना बनाया गया है. ये अटैक न्यूक्लियर पावर प्लांट की सुरक्षा के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन है.
जान लें कि न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमले के बाद मौके पर तैनात अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के एक्सपर्ट तीन प्रभावित जगहों पर गए. उन्होंने वहां 6 रिएक्टर बिल्डिंग में से एक में मॉनिटरिंग और कम्युनिकेशन डिवाइसेस पर हमले के निशानों को देखा. आईएईए ने कहा कि रिएक्टर की छत के पास एक ड्रोन आ रहा था, उसे रूसी सैनिकों ने निशाना बनाया. इसके बाद रिएक्टर बिल्डिंग के पास विस्फोट हुआ.
गौरतलब है कि किसी न्यूक्लियर पावर प्लांट में मेल्टडाउन या विस्फोट से बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती है. इससे पर्यावरण में रेडियोएक्टिव मैटेरियल रिलीज हो जाएगा. और अगर ऐसा होता है कि पर्यावरण रेडियोएक्टिव पदार्थों की किरणों की वजह से दूषित हो जाएगा और इसका लोगों की हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ेगा. इसके अलावा न्यूक्लियर पावर प्लांट पर विस्फोट हो सकता है जिससे वहां मौजूद लोगों की जान जा सकती है. यूरोप को डर है कि इसका असर पूरे महाद्वीप के दूसरे हिस्सों पर भी पड़ सकता है.
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की टीम के मुताबिक, उसने मौके पर ड्रोन के हमले के सबूत देखे. उन्हें ड्रोन के अवशेष मिले. न्यूक्लियर रिएक्टर के एरिया में पूरे दिन विस्फोट और गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं. यह बहुत खतरनाक था. हम सब चिंता में थे कि हमले की वजह से कहीं कोई बड़ी दुर्घटना ना हो जाए.
रूस ने इल्जाम लगाया है कि हमले के पीछे यूक्रेन का हाथ है. हालांकि, यूक्रेन ने इससे इनकार किया है. जापोरीज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पहले यूक्रेन के पास था. लेकिन नवंबर, 2022 में हमला करके रूस ने इसे अपने कब्जे में ले लिया था. उस वक्त भी दुनियाभर में न्यूक्लियर पावर प्लांट पर रूस के हमले की आलोचना हुई थी.