भारत की वो पहली डॉक्टर.. जिसने 23 की उम्र में 58 साल पहले जीता था मिस वर्ल्ड का खिताब; उधार के कपड़ों में रच दिया इतिहास
India First Miss World Doctor: आप सभी मिस वर्ल्ड का ताज जीतने वाली ऐश्वर्या राय, प्रियंका चोपड़ा, मानुषी छिल्लर जैसी हसीना के बारे में अच्छी तरह से जानते होंगे. लेकिन क्या उस महिला के बारे में जानते हैं, जिन्होंने इन हसीनाओं से पहले मिस वर्ल्ड का ताज अपने सिर पर पहना था और इतिहास रच दिया था. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कोई एक्ट्रेस या मॉडल नहीं बल्कि एक डॉक्टर थीं. चलिए आपको बताते हैं उनके बारे में.
भारत की वो पहली डॉक्टर मिस वर्ल्ड
अब तक भारत की 6 महिलाएं मिस वर्ल्ड का ताज जीत चुकी हैं, जिनमें ऐश्वर्या राय (1994), डायना हेडन (1997), युक्ता मुखी (1999), प्रियंका चोपड़ा (2000) और मानुषी छिल्लर (2017) जैसी हसीनाओं का नाम शामिल है. लेकिन आज हम आपको उस महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सबसे पहले ये खिताब जीता था और अपने सिर पर ताज पहन कर इतिहास रच दिया था. खास बात ये है कि ये न तो ई मॉडल थीं और न ही एक्ट्रेस. इन्होंने मिस वर्ल्ड का ताज पहने के बाद डॉक्टरी को अपना पेशा चुना और इसी बात ने जजों का दिल जीत लिया था.
23 की उम्र में 58 साल पहले पहना था मिस वर्ल्ड का ताज
हम यहां 23 अगस्त, 1943 को मुंबई में जन्मी रीता फारिया की बात कर रहे हैं, जिन्होंने 23 साल की उम्र में 17 नवंबर, 1966 में भारत की ओर से मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए मिस वर्ल्ड का का खिताब जीता था. वे इस उपलब्धि को हासिल करने वाली भारत और एशिया की पहली महिला थीं. वे पहली ऐसी मिस वर्ल्ड थी, जो पेशे से डॉक्टर थीं. खास बात ये है कि रीता सिर्फ खूबसूरती की मिसाल ही नहीं, बल्कि वो उन अनगिनत लड़कियों के लिए हिम्मत और भरोसे की पहली मिसाल थीं, जो बाहरी दुनिया में अपना सफर शुरू कर रही थीं.
रीता फारिया की पर्सनल और एजुकेशनल लाइफ
रीता फारिया का जन्म मुंबई के माटुंगा में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा भी मुंबई में ही पूरी की. इसके बाद उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई के लिए ग्रांट मेडिकल कॉलेज और सर जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल से शिक्षा हासिल की. बाद में उन्होंने लंदन के किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल से भी पढ़ाई की. रीता फारिया का मिस वर्ल्ड बनने का सफर काफी इंस्पायरिंग रहा है. मुंबई के ग्रांट मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान, एक दिन रीता के दोस्तों ने मजाक में उनसे कहा कि वह ब्यूटी शो में हिस्सा लें. रीता ने इसे चुनौती के तौर पर लिया और ईव्स वीकली मैगजीन द्वारा आयोजित मिस बॉम्बे प्रतियोगिता में हिस्सा लिया.
जीती हुए पैसे मां को दिए, अनाथालय के लिए
रीता ने एक बार अपने इंटरव्यू में बताया था कि मिस बॉम्बे प्रतियोगिता में भाग लेना उनके लिए सिर्फ मजाक था. उन्होंने आयोजकों को अपनी तस्वीरें भेजी थीं, लेकिन तब ये नहीं सोचा था कि ये उनके सफर की शुरुआत बनेगी. मिस बॉम्बे का खिताब जीतना उनके सफर का पहला कदम था. इसके बाद 1966 में उन्होंने ईव की मिस इंडिया प्रतियोगिता भी जीत. मिस बॉम्बे के लिए उन्हें 5,000 रुपये और मिस इंडिया के लिए 10,000 रुपये का इनाम मिला. उन्होंने ये पैसे अपनी मां को दिए, जो उस वक्त मुंबई के एक अनाथालय में एक बच्चे की देखभाल करती थीं.
उधार के कपड़ों में ताज जीतक रच दिया इतिहास
रीता को मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला और वे 1959 में फ्लेर एजेकील के बाद ऐसा करने वाली दूसरी भारतीय महिला बनीं. उन्होंने इंटरव्यू में कई बार बताया कि उनके पास न तो कोई कोई ट्रेनिंग थी, न ही अच्छे और महंगे कपड़े. यहां तक कि उनका पासपोर्ट भी नहीं बना था. लंदन जाने के लिए उन्होंने दोस्तों से साड़ी और स्विमसूट उधार लिए थे. उनकी मेकअप किट में केवल कुछ लिपस्टिक थीं और पर्स में सिर्फ तीन पाउंड थे. लंदन पहुंचने पर, रीता को लगा कि बाकी कंटेस्टेंट्स उनसे ज्यादा ग्लैमरस और अनुभवी हैं. लेकिन उन्होंने आत्मविश्वास दिखाते हुए मिस वर्ल्ड का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया.
क्यों बनना चाहती थीं डॉक्टर?
साथ ही, साड़ी में सबसे अलग दिखने के लिए 'बेस्ट इन इवनिंग वियर' और 'बेस्ट इन स्विमसूट' का खिताब भी जीता. मिस वर्ल्ड के ग्रैंड फिनाले में जब रीता से पूछा गया कि वे डॉक्टर क्यों बनना चाहती हैं? तो उन्होंने जवाब दिया था कि भारत को चाइल्डबर्थ और स्त्री रोग विशेषज्ञों की जरूरत है. इस पर ज्यूरी ने मजाकिया अंदाज में बताया, 'भारत में तो बहुत बच्चे पैदा होते हैं'. रीता ने फौरन जवाब दिया, 'यही तो हमें कम करना है'. उनके इस जवाब पर पूरा स्टेडियम तालियों से गूंज उठा. बता दें, रीता फारिया ने 1971 में एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डेविड पावेल से शादी की और शादी के बाद आयरलैंड में बस गईं. उनके दो बच्चे हैं, डीर्ड्रे और एन मैरी.