Photos: दुनिया में बने भारत के 9 `सीक्रेट` मिलिट्री अड्डे, जहां से चीन की धज्जियां उड़ा सकता है इंडिया

India China News in Hindi: अपनी आर्थिक और सैन्य शक्ति के बल पर बेलगगाम हो चुका चीन अब बड़े युद्धों की तैयारी में जुटा है. एक्सपर्टों के मुताबिक उसका मुख्य निशाना अमेरिका है लेकिन वह उससे पहले ताइवान या भारत पर हमला कर सकता है.

देविंदर कुमार Oct 01, 2024, 17:02 PM IST
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चौकस भारत

चीन के खतरों को देखते हुए भारत चौकस है. उसने चीन की बर्बादी सुनिश्चित करने के लिए दुनिया के ऐसी 9 रणनीतिक लोकेशंस पर अपने सीक्रेट मिलिट्री अड्डे बना लिए हैं, जहां से वह जब चाहे ड्रैगन को घुटनों पर बैठने के लिए मजबूर कर सकता है. 

 

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सिंगापुर

सूत्रों के मुताबिक सिंगापुर मलक्का जलडमरूमध्य का का अहम देश है. इसी समुद्री गलियारे से होकर दक्षिण चीन सागर से हिंद महासागर में प्रवेश किया जा सकता है. चीन से निपटने के लिए दोनों देशों ने नौसैनिक सहयोग समझौता कर रखा है, जिसके तहत भारत की नेवी की सिंगापुर में अहम मौजूदगी रहती है.

 

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ताजिकिस्तान

चीन के पश्चिमी हिस्से में स्थित ताजिकिस्तान में भारत का सीक्रेट एयर बेस है, यह बेस राजधानी दुशांबे से करीब 130 किमी दक्षिण पूर्व में फ़रखोर शहर में बना है. इस एयर बेस को ताजिक वायु सेना के सहयोग से संचालित किया जाता है. युद्ध की स्थिति में भारत के फाइटर एयरक्राफ्ट इस एयरबेस के जरिए चीन और पाकिस्तान में हाहाकार मचा सकते हैं.

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मॉरीशस

मारीशस हिंद महासागर में बसा एक द्वीपीय देश है. भारत के साथ इसके गहरे संबंध हैं. यहां की आधी आबादी भारतवंशियों की है, जिन्हें एक जमाने में अंग्रेज वहां लेकर गए थे. अब मारीशस से करीब 1100 किमी दूर अगालेगा द्वीप पर भारत अपना सीक्रेट नेवी बेस बना रहा है, जिसके बनने पर वह चीन के जिबूती मिलिट्री बेस को काउंटर कर सकेगा. 

 

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भूटान

भारत और भूटान दो गहरे करीब मित्र देश हैं. पुराने समय से चली आ रही रक्षा संधि के तहत भूटान की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत की है. इसके लिए भारतीय सेना की ट्रेनिंग विंग का वहां पर स्थाई मुख्यालय है, जो भूटानी सैनिकों को ट्रेंड करती है. साथ ही भारतीय सैनिकों और हथियारों की भी भूटान में प्रभावी मौजूदगी है, जो चीन को आगे बढ़ने से रोकती है.  

 

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ईरान

चाबहार ओमान की खाड़ी में ईरान का एकमात्र समुद्री बंदरगाह है. आपसी समझौते के तहत इस बंदरगाह को विकसित और संचालित करने का काम भारत कर रहा है. यूं तो यह बंदरगाह आपसी कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बनाया जा रहा है लेकिन युद्ध की स्थिति में भारत इस बंदरगाह के जरिए पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर एक्शन भी ले सकता है. 

 

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श्रीलंका

चीन ने श्रीलंका को अपने कर्ज के जाल में फंसाकर उसके हंबनटोटा बंदरगाह का अहम हिस्सा 99 साल के लिए अपने कब्जे में ले लिया है. आशंका है कि इस बंदरगाह का इस्तेमाल वह भारत के खिलाफ सैन्य उद्देश्यों के लिए कर सकता है. इसे देखते हुए भारत ने भी हंबनटोटा में वीरान पड़े एक एयरपोर्ट को संचालन के लिए श्रीलंका से ले लिया, जिससे वह हर वक्त चीन की हरकतों पर बारीक नजर रख सकेगा. 

 

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ओमान

ओमान अरब खाड़ी का एक अहम मुस्लिम देश है, जिसके भारत के साथ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं. एक रक्षा संधि के तहत ओमान ने रास अल हद में एक निगरानी पोस्ट और मस्कट नौसैनिक अड्डे को संचालित करने का इंडियन नेवी को अधिकार दे रखा है. यह लोकेशन ग्वादर बंदरगाह के ठीक सामने है, जिसके जरिए भारत जब चीन- पाकिस्तान की दबंगई को मिट्टी में मिला सकता है. 

 

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सेशेल्स

भारत और सेशेल्स की दोस्ती भी बेहद गहरी है. मारीशस की तरह सेशेल्स भी हिंद महासागर में बसा एक छोटा सा द्वीपीय देश है, जहां पर भारतवंशी बड़ी तादाद में रहते हैं. चीन पर नकेल कसने के लिए सेशल्स ने एक समझौते के तहत अपने एजेम्पशन आईलैंड को भारत को दे दिया है, जहां पर वह नौसैनिक अड्डे का निर्माण कर रहा है. इस अड्डे से चीनी पनडुब्बियों और जहाजों पर नजर रखी जा सकेगी.

 

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मेडागास्कर

हिंद महासागर को भारत का आंगन कहा जाता है. जहां पर सदियों से निर्विवाद श्रेष्ठता रही है लेकिन अब यहां पर अमेरिका, फ्रांस, चीन, जापान समेत कई देश अपने मिलिट्री बेस बना चुके हैं. ऐसे में भारत ने उत्तरी मेडागास्कर में अपना पहला विदेशी मिलिट्री पोस्ट बनाई थी, जो विदेशी शिपिंग गतिविधियों पर नजर रखने का काम करती है. 

Disclaimer- यह डिटेल सोशल मीडिया पर सामान्य रूप से उपलब्ध है. ज़ी न्यूज इसके सत्य होने की पुष्टि नहीं करता है.

 

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