भारत की सबसे `सुस्त` ट्रेन, स्पीड इतनी कि पैदल वाले भी निकल जाएं आगे...5 घंटे में चलती है सिर्फ 48 KM, इतनी स्लो फिर भी खचाखच भरी रहती है ट्रेन

India Slowest Train: यह ट्रेन 9 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. 46 किमी का सफर 5 घंटे में पूरा करती है. यह देश की सबसे तेज ट्रेन से करीब 18 गुना स्लो है. वहीं दूसरी ट्रेन 290 किमी की दूरी 10 घंटे में तय करती है. यानी इसकी स्पीड 29 किमी प्रति घंटे की है.

बवीता झा Thu, 05 Sep 2024-7:33 am,
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सबसे स्लो ट्रेन

India and World Slowest Train: एक तरफ देश में बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारियां हो रही हैं तो वहीं दूसरी ओर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की धूम है.  मौजूदा वक्त में वंदे भारत देश की सबसे तेज रफ्तार ट्रेन हैं. इसके अलावा शताब्दी, राजधानी, दूरंतो जैसी ट्रेनें है, जो कम वक्त में लोगों को मंजिल तक पहुंचाती है. यात्री अक्सर उन ट्रेनों में ही टिकट की तलाश करते हैं, जो जल्दी से जल्दी मंजिल तक पहुंचाएं, लेकिन आज जिस ट्रेन की चर्चा करने वाले हैं, वो अपनी रफ्तार नहीं बल्कि अपने आलस को लेकर चर्चा में रहती है. 

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9 किमी प्रति घंटे की रफ्तार

अपनी धीमी रफ्तार की वजह से इसे देश और दुनिया की  सबसे स्लो ट्रेन का तमगा हासिल हैं.  ये ट्रेन इतनी स्लो है कि 46 किमी की दूरी तय करने में लगा 5 घंटे का वक्त लगा देती है. इतना स्लो होने के बावजूद भी लोग इस ट्रेन में सफर करने के लिए मारामारी करते हैं. 

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मंजिल से खूबसूरत सफर

 

भारत की सबसे धीमी रफ्तार से चलने वाली ट्रेन नीलगिरी माउंटेन एक्‍सप्रेस है, जो 46 किमी की दूरी तो तय करने में 5 घंटे लगा देती है.  दिल्ली से नोएडा के आउट रिंग रोड से 46.7 किमी की दूरी तय करने में जहां 1 घंटा 43 मिनट का समय लगता है, उतनी ही दूरी को यह ट्रेन 5 घंटे में तय करती है. यह ट्रेन नीलगिरी पहाड़ की खूबसूरत वादियों, घने जंगल, झरनों, 16 सुरंगों और 250 से ज्‍यादा पुलों को पार करते हुए मंजिल तक पहुंचती है.  

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इतनी सुस्त, फिर भी टिकटों की मारामारी

 

ये ट्रेन इतनी सुस्‍त है, फिर भी दुनियाभर के लोग इस ट्रेन में सफर करने के लिए मारामारी करते हैं. यह ट्रेन पूरी दुनिया की पसंदीदा ट्रेन बनी हुई है. लोग इस ट्रेन में सफर करने के लिए इंतजार करते हैं , जिसकी वजह से इस ट्रेन का खूबसूरत रूट. इस ट्रेन की मंजिल से ज्‍यादा इससे रास्ते खूबसूरत हैं. 

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कहां से कहां तक का सफर

 

तमिलनाडु के मेट्टुपालयम स्‍टेशन से ऊटी के उदगमंडल स्‍टेशन तक जाने वाली नीलगिरी माउंटेन एक्‍सप्रेस केलर, कुन्नूर, वेलिंगटन, लवडेल और ऊटाकामुंड स्टेशनों से होते हुए मंजिल तक पहुंचती है.  इस ट्रेन को यूनेस्‍को ने विश्‍व धरोहर की सूची में शामिल किया है. इस ट्रेनों को ब्रिटिश काल में साल 1899 में शुरू किया गया था.  

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नाम का एक्सप्रेस, चाल कछुए वाली

 

स्वीट्जरलैंड में चलने वाली ट्रेन ग्लेसियर एक्सप्रेस है, जो कि सिर्फ नाम से एक्सप्रेस है, लेकिन इसकी रफ्तार कछुए वाली है. इस ट्रेन को 290 किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब 10 घंटे लग जाते हैं. साल 1930 से चल रही ट्रेन खूबसूरत वादियों से गुजरती है. सफर के दौरान यह ट्रेन 90 से अधिक सुरंगों और करीब 300 पुलों से होकर अपना सफर पूरा करती है.    

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कौन कितना स्लो

 

   नीलगिरि माउंटेन रेलवे (Nilgiri Mountain Railway) 9 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है.  46 किमी का सफर 5 घंटे में पूरा करती है. यह देश की सबसे तेज ट्रेन से करीब 18 गुना स्लो है. वहीं ग्लेसियर एक्सप्रेस 290 किमी की दूरी 10 घंटे में तय करती है. यानी इसकी स्पीड 29 किमी प्रति घंटे की है. 

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