खिड़की से बाहर दिखती है मौत, कब क्या हो जाए पता नहीं...भारत के 5 सबसे खतरनाक रेलवे ट्रैक

Indias Most Dangerous 5 Railway Tracks: भारतीय रेलवे को यूं ही नहीं जादुई कहा जाता है. कई बात खतरनाक रेलवे ट्रैकों पर सफर करना साहसिक और रोमांचकारी अनुभव हो सकता है. इसके लिए जीगरा चाहिए होता है. लेकिन जोखिमपूर्ण रास्तों के साथ-साथ यात्रियों को प्राकृतिक सुंदरताका भी अनुभव मिलता है. आइए ऐसे कुछ ट्रैक्स के बारे में रूबरू होते हैं.

गौरव पांडेय Sat, 26 Oct 2024-9:13 pm,
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खतरनाक रेलवे ट्रैक

भारतीय रेल देश के एक कोने से दूसरे कोने तक यात्रियों और तमाम चीजों को ले जाने का मुख्य साधन है. भारतीय रेल नेटवर्क में कई खूबसूरत और ऐतिहासिक ट्रैक भी शामिल हैं, लेकिन इनमें से कुछ रूट्स अपने जोखिम भरे मार्गों और खतरनाक परिस्थितियों के कारण भी मशहूर हैं. इन ट्रैक्स पर यात्रा करना अपने आप में एक रोमांचकारी अनुभव है, जहां यात्री न सिर्फ शानदार दृश्य देख सकते हैं बल्कि साहस का एक अलग ही अनुभव भी महसूस कर सकते हैं. आइए, जानते हैं भारत के कुछ ऐसे खतरनाक रेलवे ट्रैक के बारे में जिन पर यात्रा करना हर किसी के बस की बात नहीं है.

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पंबन ब्रिज

तमिलनाडु के रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला पंबन ब्रिज देश का पहला समुद्री पुल है. यह पुल खाड़ी के ऊपर बना हुआ है और लगभग 2.3 किलोमीटर लंबा है. यहां की मौसम परिस्थितियां और तेज हवाएं इसे एक खतरनाक रेलवे ट्रैक बनाती हैं. ट्रेन जब इस ब्रिज से गुजरती है, तो यात्रियों को समुद्र की लहरें काफी पास दिखाई देती हैं. कई बार तेज तूफान और ऊंची लहरों के कारण इस पुल को बंद भी करना पड़ता है, जिससे यह रूट और भी ज्यादा जोखिम भरा बन जाता है.

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नीलगिरी माउंटेन रेलवे रूट

तमिलनाडु के उधगमंडलम (ऊटी) को कोयंबटूर से जोड़ने वाला नीलगिरी माउंटेन रेलवे रूट एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है. यह रेल मार्ग अपनी ढलानों, तीव्र मोड़ों और घने जंगलों के बीच से होकर गुजरता है, जिससे यह ट्रैक जोखिम भरा माना जाता है. पुराने इंजनों के सहारे चलने वाली इस रेलवे लाइन की पटरियाँ कई जगहों पर तेज ढलान और छोटे टनलों से होकर गुजरती हैं, जो यात्रियों को रोमांच और डर का मिश्रण अनुभव कराती हैं.

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कालका-शिमला रेल लाइन

कालका से शिमला तक का यह संकरी गेज का रेलवे रूट न केवल अपने खूबसूरत दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है बल्कि यह ट्रैक खतरनाक भी है. पूरे रास्ते में कई तीव्र मोड़, ऊँची चढ़ाइयां और सैकड़ों पुल एवं सुरंगें हैं. इस रूट पर छोटी ट्रेनें चलती हैं जो पहाड़ी ढलानों से गुजरते हुए यात्रियों को अद्भुत दृश्य दिखाती हैं, लेकिन बरसात के मौसम में यहाँ पर भू-स्खलन और फिसलन का खतरा भी काफी बढ़ जाता है.

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मेट्टुपालयम-ऊटी नीलगिरी रूट

यह रूट पश्चिमी घाट की ऊँचाईयों से होकर गुजरता है और पहाड़ों की गहरी खाइयों के किनारे से होता हुआ ऊटी पहुँचता है. यहां की ढलानें, घने जंगल और तीव्र मोड़ यात्रियों के दिल को धड़काने वाले होते हैं. संकरी पटरियों पर धीमी गति से चलने वाली इस ट्रेन के सफर में पर्यटक जहाँ एक तरफ प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं, वहीं दूसरी ओर खतरनाक मोड़ों का सामना भी करते हैं.

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जम्मू-ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक

जम्मू-कश्मीर का यह रेल ट्रैक न केवल ऊंचाईयों पर स्थित है, बल्कि यहां मौसम की कठिन परिस्थितियां इसे और भी चुनौतीपूर्ण बना देती हैं. इस रेल रूट पर कई सुरंगें और पुल हैं जो ऊँचाई पर स्थित हैं, और यहाँ का मौसम अक्सर अनुकूल नहीं होता. यहाँ पर बर्फबारी और तेज हवाओं के बीच रेल सफर करना अपने आप में एक जोखिम भरा अनुभव है.

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(Photos: AI and File Photos)

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