मिलें श्रीलंका की नई महिला प्रधानमंत्री से, डीयू से की है पढ़ाई
Harini Amarasuriya: श्रीलंका में नये प्रधानमंत्री का चुनाव किया है और इस बार एक महिला ने देश के पीएम का पदभार संभाला है. इनका नाम है - हरिनी अमरसूर्या. भारत से इनका खास कनेक्शन है. भारत के हिन्दू कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली है.
एक व्यापक पोर्टफोलियो
प्रधानमंत्री के रूप में अपनी भूमिका में, अमरसूर्या को न्याय, शिक्षा, श्रम, उद्योग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और निवेश सहित कई तरह के पोर्टफोलियो सौंपे गए हैं. उन्हें राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने शपथ दिलाई, जिन्होंने खुद सहित चार सदस्यीय मंत्रिमंडल भी नियुक्त किया. यह नियुक्ति श्रीलंका के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह एक मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि और भारत के साथ गहरे संबंधों वाले नेता का स्वागत करता है.
कॉलेज के दिनों की यादें
बॉलीवुड निर्देशक और पूर्व बैचमेट नलिन राजन सिंह ने अपने कॉलेज के दिनों की यादें शेयर कीं. "मुझे उनकी थोड़ी-बहुत याद है, लेकिन मुझे कॉलेज के फेस्टिवल और वाद-विवादों में उनकी सक्रिय भागीदारी याद है. यह 90 का दशक था और हममें से कई लोग - इम्तियाज अली और अर्नब गोस्वामी जैसे लोग - अपनी पहचान बनाने लगे थे. सिंह ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री बनते देखना वाकई आश्चर्यजनक है. सिंह ने ये भी कहा कि उनकी नई भूमिका भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों को और मजबूत कर सकती है.
हिंदू कॉलेज से प्रभाव
हिंदू कॉलेज, जो स्टूडेंट गवर्नेंस की अपनी परंपरा के लिए जाना जाता है, उसने लीडरयशिप क्वालिटी भरने में अपनी भूमिका निभाई है.
दिल्ली विश्वविद्यालय कनेक्शन
अमरसूर्या ने 1991 से 1994 के बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से समाजशास्त्र में ग्रेजुएशन की डिग्री ली. हिन्दू कॉलेज ना केवल एकेडमिक्स के लिए, बल्कि छात्रों में नेतृत्व गुणों को उभारने के लिए भी जाना जाता है.
कौन है अमरसूर्या
Who is Harini Amarasuriya: एकेडमिक से पॉलिटिशियन बनीं हरिनी अमरसूर्या ने श्रीलंका के 16वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है. श्रीलंका के इतिहास में यह दूसरी बार हुआ है, जब एक महिला के हाथ में देश की कमान आई है. 21 जुलाई 1960 को सिरीमावो भंडारनायके विश्व की पहली महिला प्रधानमंत्री चुनी गईं थीं. 54 साल की अमरसूर्या, साल 2000 में सिरीमावो भंडारनायके के बाद इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला हैं. उनकी नियुक्ति विशेष रूप से भारत के साथ उनके गहरे जुड़ाव के कारण उल्लेखनीय है, क्योंकि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की.