Babar Dark Secret: कौन था बाबर का चहेता बाबरी, जिसके लिए बेगम को दे दिया था तलाक!

Mughal king Babur and Babri: हिन्दुस्तान में मुगल साम्राज्य की नींव रखने वाले बाबर की जिंदगी के कई ऐसे राज हैं. जो दुनिया से अबतक छिपे हुए हैं. मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर ने भी अपने आत्मकथा लिखी थी. जिसमें उन्होंने एक खुलासा यह भी था कि बाबर को एक लड़के से इश्क हो गया था. आइए जानते हैं. क्या है यह पूरी कहानी.

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बाबर की आत्मकथा 'बाबरनामा' में बाबर से जुड़ी कई निजी जानकारियां मौजूद हैं. अगर आप भी बाबरनामा पढ़ना चाहते हैं तो आप इसे खरीद सकते हैं. इस बाबरनामा में आपको उसकी सीक्रेट लाइफ से जुड़ी ऐसी-ऐसी जानकारियां भी मिलेंगी जिसके बारे में शायद ही किसी को पता हो.

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इसी किताब में हिंदुस्तान में मुगल साम्राज्य की नींव रखने वाले बाबर को भी समलैंगिक बताया गया है. बाबर ने अपने समलैंगिक मित्र के लिए कई शेरों-शायरी लिखी थीं. उसके सबसे खास करीबी और जिगरी का नाम बाबरी था. जिसके बारे में कहा जाता है कि जब बाबर ने किसी बाजार में उसे पहली बार देखा तो वह अपने होश खो बैठा था.

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बताया जाता है कि बाबर को निकाह में विशेष दिलचस्पी नहीं थी. उसकी पत्नी आयशा से निकाह के तीन साल बाद उसके घर एक बेटी का जन्म हुआ, लेकिन मात्र 40 दिन के अंदर ही उसकी मौत हो गई. इस सदमे के बाद बाबर ने खुद को पत्नी से अलग कर लिया और अपना गम को भुलाने के लिए एकांतवास में रहने लगा. इसी एकांतवास के दौरान वो एक मशहूर बाजार से गुजर रहा था तभी उसकी मुलाकात बाबरी से हुई.

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इतिहासकारों के मुताबिक बादशाह 14 साल के उस बेहद खूबसूरत लड़के को देखकर आकर्षित हो गया. बाबरनामा में बाबर ने लिखा है कि उस लड़के के लिए मैं पागल हो गया. जैसे ही वो करीब आता था, मेरी जुबान लड़खड़ाने लगती थी.

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बाबर को अपने इस साथी के मिलने के बाद हरम की औरतों में कम दिलचस्पी हो गई थी. कहा जाता है कि बाबरी के साथ उसकी मुलाकातों की बात इतनी दूर तक गई कि नौबत तलाक तक आ गई थी.

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बाबरनामा में लिखा है कि कैसे 17 साल की उम्र में बाबर एक लड़के के प्यार में पड़ा. उस लड़के का नाम था बाबरी आंदिजानी. उसकी तरफ आकर्षित हुआ. उसने ये भी लिखा कि उससे मुलाकात के पहले बाबर को वैसा आकर्षण किसी के साथ नहीं हुआ. ऐसे में जब भी बाबरी, बाबर के सामने आता था तो शुरुआत में वो शर्म के मारे सीधे तौर पर उसे देख तक नहीं पाता था.

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इतिहासकारों ने भले ही अपने दस्तावेजों में बाबरी का जिक्र बहुत कम किया है. पर ये सच है कि उसके प्रेम में बाबर ने शायरी लिखी. बाबर ने बाबरी को घुड़सवारी सिखाई और अस्तबल का इंचार्ज बनाया. बाबरी की मौत तब हुई जब बाबर अवध की तरफ साम्राज्य बढ़ाने की कोशिश कर रहा था. यह खबर बाबर के लिए एक बड़ा सदमा थी. कहा जाता है कि 1528 में जब अयोध्या की मस्जिद का निर्माण हुआ तब इसकी सूचना सेनापति ने बाबर को दी तो बादशाह में इसका नाम प्रेमी बाबरी के नाम पर रखा.

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